US को सुपरपावर बनाने में भारतीय टैलेंट का बड़ा...H-1B वीजा पर एलन मस्क बोले-अमेरिका खुद अपनी ताकत मार रहा
एलन मस्क ने निखिल कामथ के पॉडकास्ट में कहा कि अमेरिका को सबसे अधिक लाभ भारतीय टैलेंट से मिला है और H-1B प्रोग्राम को बंद करना देश के लिए नुकसानदायक होगा. उन्होंने माना कि कुछ कंपनियां इसका दुरुपयोग करती हैं, लेकिन इसे सुधारना चाहिए, खत्म नहीं करना चाहिए.

नई दिल्ली : दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क ने निखिल कामथ के पॉडकास्ट में अमेरिका की सफलता में भारतीय प्रतिभा के महत्व को खुलकर स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों में अमेरिका को जितना लाभ हुआ है, उसमें भारतीय पेशेवरों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई जैसे दिग्गज व्यक्तित्व इस बात के सबसे स्पष्ट उदाहरण हैं कि भारतीय विशेषज्ञों ने अमेरिकी टेक सेक्टर और अर्थव्यवस्था को कितनी मजबूती दी है.
H-1B विवाद के बीच मस्क की चेतावनी
अमेरिकी सपने पर सख्त नीतियों का असर
मस्क का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका में इमिग्रेशन नियम पहले से ज्यादा जटिल और कठोर हो चुके हैं. कई भारतीयों का वर्षों पुराना अमेरिकी सपना उच्च शिक्षा, बड़ी टेक कंपनियों में उच्च वेतन वाली नौकरियां और बेहतर जीवन—नीतिगत बदलावों की वजह से चुनौती का सामना कर रहा है. मस्क ने इस परिस्थिति को समझते हुए कहा कि विदेशी टैलेंट को रोकना अमेरिका के लिए नुकसानदायक होगा क्योंकि कठिन और नवाचार वाले कामों के लिए असाधारण कौशल वाले लोगों की हमेशा कमी रहती है.
बॉर्डर कंट्रोल और अवैध इमिग्रेशन पर मस्क के तेवर
इमिग्रेशन बहस पर बात करते हुए मस्क ने बाइडेन प्रशासन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बाइडेन के कार्यकाल में बॉर्डर कंट्रोल लगभग नाममात्र रह गया था, जिससे बड़े पैमाने पर अवैध इमिग्रेशन हुआ और गलत इंसेंटिव पैदा हुए. उनका कहना था कि जब सीमाएं कमजोर होती हैं तो ऐसे लोग भी लाभ उठाते हैं जो देश के लिए उपयुक्त नहीं होते, और यह सिलेक्टिव क्वालिटी को कम करता है. उनके अनुसार, अमेरिका को उचित बॉर्डर कंट्रोल की जरूरत है ताकि अवैध प्रवास को रोका जा सके और सही प्रतिभा को अवसर मिले.
H-1B के सही उपयोग पर मस्क का जोर
स्पेसएक्स, टेस्ला और X जैसी अपनी कंपनियों का उदाहरण देते हुए मस्क ने बताया कि वे हमेशा असाधारण और उच्च स्तर के प्रतिभाशाली लोगों की तलाश में रहते हैं और उन्हें औसत से ज्यादा वेतन देते हैं. इसलिए उनके अनुभव में अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियां विदेशी टैलेंट नहीं छीनता, बल्कि बेहतरीन दिमागों की कमी अक्सर कंपनियों को सीमित कर देती है. अंत में उन्होंने कहा कि H-1B प्रोग्राम का कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा दुरुपयोग अवश्य हुआ है, जिसे रोकना चाहिए, लेकिन इस आधार पर पूरे कार्यक्रम को बंद करने की मांग बिल्कुल अनुचित और अमेरिका के लिए हानिकारक है.


