होली से पहले शाही जामा मस्जिद को रंगने की मिली इजाजत, हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद की बाहरी दीवारों की रंगाई और रोशनी लगाने की अनुमति दी हैं, लेकिन ये कार्य संरचना को किसी प्रकार का नुसकान पहुंचाए बिना किया जाना चाहिए. मस्जिद समिति ने प्रशासनिक अड़चनों के चलते हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे अब आंशिक रूप से स्वीकार किया गया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद से जुड़े रंगाई-पुताई मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मस्जिद समिति की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के तहत मस्जिद समिति को मस्जिद की बाहरी दीवारों पर पेंटिंग करने की अनुमति दी गई है. हालांकि, संरचना को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना ही रंगाई-पुताई किया जाना चाहिए. इस फैसले के बाद मस्जिद समिति की राहत मिली है, क्योंकि उन्होंने हाईकोर्ट में इस संबंध में एक सिविल पुनरीक्षण याचिका दायर की थी.
बाहरी दीवारों पर पेंटिंग और रोशनी लगाने की अनुमति
इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने मस्जिद समिति की याचिका को आंशिक रूप से मंजूरी दी है. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि मस्जिद की केवल बाहरी दीवारों की पेंटिंग की जा सकती है. इसके अलावा, कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि मस्जिद की बाहरी दीवारों पर बिजली की लाइट्स (रोशनी) भी लगाई जा सकती हैं, लेकिन ये कार्य संरचना को किसी प्रकार का नुसकान पहुंचाए बिना किया जाना चाहिए.
क्यों दायर की गई थी याचिका?
मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में मस्जिद की सफेदी और रंगाई की अनुमति देने की मांग की थी. ये मामला तब उठा जब कुछ प्रशासनिक अड़चनों के चलते मस्जिद में पेंटिंग का कार्य रोक दिया गया था. संभल की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत ज्यादा है. ऐसे में मस्जिद समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में न्याय की गुहार लगाई थी.
कोर्ट के आदेश का प्रभाव क्या है?
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मस्जिद समिति को सीमित दायरे में पेंटिंग और लाइटिंग की अनुमति मिल गई है. हालांकि, कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि संरचना को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए और किसी भी प्रकार की नई निर्माण गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी.