प्रधानमंत्री मोदी ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को किया संबोधित, साझा सहयोग पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत और आसियान देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक साझेदारी पर प्रकाश डाला.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए भारत और आसियान देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक साझेदारी पर प्रकाश डाला. अपने भाषण में उन्होंने साझा इतिहास, सांस्कृतिक मूल्य और व्यापारिक संबंधों की अहमियत को रेखांकित किया.
आसियान का नया सदस्य कौन बना?
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में तिमोर-लेस्ते का आसियान का नया सदस्य बनने पर स्वागत किया, जिससे सदस्य देशों की संख्या 11 हो गई. उन्होंने थाईलैंड की राजमाता के निधन पर भी संवेदना व्यक्त की. मोदी ने कहा कि भारत और आसियान मिलकर दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम भूगोल, संस्कृति और मूल्य साझा करते हैं.
व्यापक रणनीतिक साझेदारी और स्थिरता
मोदी ने भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी को वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए एक मजबूत आधार बताया. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है, जिससे व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और क्षेत्रीय सुरक्षा में साझा हित मजबूत हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत, आसियान के साथ मिलकर स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
समावेशिता और सतत विकास पर जोर
शिखर सम्मेलन की थीम समावेशिता और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए मोदी ने डिजिटल समावेशन, खाद्य सुरक्षा, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं और आपदा प्रतिक्रिया जैसे क्षेत्रों में भारत की सक्रिय भूमिका पर बल दिया. उन्होंने समुद्री सुरक्षा, नीली अर्थव्यवस्था और मानवीय सहायता में भी आसियान के साथ सहयोग को अहम बताया.
2026: आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष
प्रधानमंत्री मोदी ने 2026 को आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष घोषित किया. इस पहल के तहत शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत किया जाएगा. मोदी ने सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और लोगों के बीच संबंधों को गहरा करने पर भी जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी हमारी है, यह भारत और आसियान की है.
भविष्य की साझा दृष्टि
प्रधानमंत्री मोदी ने आशा व्यक्त की कि आसियान विजन 2045 और विकसित भारत 2047 का साझा दृष्टिकोण दोनों क्षेत्रों और समग्र मानवता के उज्जवल भविष्य में योगदान देगा. उन्होंने कहा कि 1995 में संवाद साझेदारी से लेकर वर्तमान व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक भारत-आसियान का जुड़ाव, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, समृद्धि और समावेशी विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
यह शिखर सम्मेलन भारत और आसियान के बीच साझेदारी को और गहराई देने और क्षेत्रीय स्थिरता व सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.


