पीएम मोदी ने कहा- कांग्रेस अपने स्वार्थ में देशहित को तिलांजलि दे चुकी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे. दलित, पीड़ित, शोषित... सभी तक. जब सभी तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचता है, तो सामाजिक न्याय सुनिश्चित होता है. लेकिन हमने देखा है कि बीते दशकों में कैसे सामाजिक न्याय के नाम पर कुछ दलों, कुछ परिवारों ने अपना ही स्वार्थ सिद्ध किया है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे। दलित, पीड़ित, शोषित... सभी तक. जब सभी तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचता है, तो सामाजिक न्याय सुनिश्चित होता है. लेकिन हमने देखा है कि बीते दशकों में कैसे सामाजिक न्याय के नाम पर कुछ दलों, कुछ परिवारों ने अपना ही स्वार्थ सिद्ध किया है. मुझे आज संतोष है कि देश सामाजिक न्याय को सच्चाई में बदलते देख रहा है.
कांग्रेस पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है. पीएम मोदी ने कहा कि 10-15 साल पहले कांग्रेस में जो अर्बन-नक्सली माओवादी पैर जमा चुके थे, अब वो कांग्रेस मुस्लिम-लीगी माओवादी कांग्रेस बना चुके हैं. आज मैं पूरी जिम्मेदारी से कहूंगा कि मुस्लिम-लीगी माओवादी कांग्रेस अपने स्वार्थ में देशहित को तिलांजलि दे चुकी है. मुस्लिम-लीगी माओवादी कांग्रेस आज देश के लिए बहुत बड़ी खतरा बनते जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस भारत के संविधान को नकारने वाले माओवादी आतंक को पालती-पोषती रही है. सिर्फ दूर-दराज के क्षेत्रों और जंगलों में ही नहीं, कांग्रेस ने शहरों में भी नक्सलवाद के जड़ों को खाद पानी दिया.
'विकास, विकास और सिर्फ विकास'
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में जो भी सरकारें हैं, चाहे केंद्र में हमारी सरकार है या फिर राज्यों में अलग अलग दलों की सरकारें हैं. हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता सिर्फ एक होनी चाहिए- विकास, विकास और सिर्फ विकास. उन्होंने कहा कि बिहार की नतीजों ने फिर दिखाया है कि भारत के लोगों की आकांक्षाएं, उनकी एस्पिरेशन कितनी ज्यादा है. भारत के लोग आज उन राजनीतिक दलों पर विश्वास करते हैं, जो नेक नियत से लोगों के उन एस्पिरेशन को पूरा करते हैं, विकास को प्राथमिकता देते हैं.
ये लोकतंत्र की विजय है
उन्होंने कहा कि अभी 14 नवंबर को जो नतीजे आए हैं, वो आपको याद ही होंगे. इन ऐतिहासिक नतीजों के साथ एक और बात बहुत अहम रही है. कोई भी लोकतंत्र में लोगों की बढ़ती भागीदारी को नजरअंदाज नहीं कर सकता. इस बार बिहार के इतिहास का सबसे अधिक वोटर टर्नआउट रहा है. महिलाओं का टर्नआउट पुरुषों से लगभग 9 प्रतिशत अधिक रहा है. ये भी लोकतंत्र की विजय है.


