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श्रीमद् भागवत कथा के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने की ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा, आतंकियों को दी चेतावनी

कर्नाटक के उडुपी में आयोजित विशाल ''लक्ष कंठ गीता पारायण" कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने आतंकियों को चेतावनी भी दी.

कर्नाटक के उडुपी में आयोजित विशाल ''लक्ष कंठ गीता पारायण" कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आध्यात्मिक माहौल के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों पर विस्तार से बात की.

एक लाख से अधिक लोगों के गीता पाठ में शामिल होने वाले इस आयोजन में पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भगवान कृष्ण की शिक्षाएं आज की नीतियों और भारत की सुरक्षा रणनीति को दिशा दिखाती हैं. इसी दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया, जिसने पूरे देश का एक बार फिर ध्यान खींचा. 

पीएम मोदी ने बताया गीता का महत्व 

पीएम मोदी ने कहा कि गीता शांति के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर अत्याचार के खिलाफ खड़े होने का भी संदेश देती है. उन्होंने “धर्मो रक्षति रक्षितः” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की नीतियां धर्म, न्याय और जनकल्याण की मूल भावना पर आधारित हैं. इस अवसर पर पीएम मोदी ने ये भी कहा कि नया भारत किसी भी आतंकवादी हमले का जवाब देने में हिचकिचाता नहीं है.

क्यों हुई ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा?

अपनी बात को समझाते हुए प्रधानमंत्री ने अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 मासूम लोगों की जान चली गई थी. उन्होंने बताया कि हमले में कर्नाटक के लोग भी शामिल थे. इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमापार आतंकियों के ठिकानों पर सटीक प्रहार किए, जिससे देश की शक्ति दुनिया के सामने आई.

पीएम मोदी के अनुसार, यह ऑपरेशन इस बात का उदाहरण है कि भारत अब किसी भी तरह की प्रहार का सामना मजबूती से करता है और करेगा. साथ ही भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर एक कदम उठाने को तैयार है.

मिशन सुदर्शन चक्र और सुरक्षा मॉडल

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मिशन सुदर्शन चक्र का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह मिशन भी गीता के उस संदेश से प्रेरित है जिसमें भगवान कृष्ण कर्तव्य और रक्षा दोनों के लिए तैयार रहने की शिक्षा देते हैं.

मोदी ने उडुपी की ऐतिहासिक भूमिका को दिलाया याद 

पीएम मोदी ने उडुपी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस शहर ने शासन, स्वच्छता और जल प्रबंधन के मॉडल से पूरे देश को दिशा दी है. उन्होंने श्री माधवाचार्य और राम मंदिर आंदोलन में उडुपी की ऐतिहासिक भूमिका को भी याद किया. बता दें, कार्यक्रम के दौरान उन्हें मठ की ओर से रक्षा कवच पहनाकर सम्मानित भी किया गया. 

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28 November 2025, 08:50 PM IST

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