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रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर लगाएं और अधिक टैरिफ, अमेरिकी वित्त मंत्री का बड़ा बयान

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने रूस और उसके तेल खरीदने वाले देशों, खासकर भारत पर कड़े प्रतिबंध लगाने की बात कही है. उनका मानना है कि इससे रूस की अर्थव्यवस्था कमजोर होगी और पुतिन शांति वार्ता के लिए मजबूर होंगे. भारत ने अमेरिकी टैरिफ को राष्ट्रीय हित बताया है. युद्ध जारी है और कूटनीतिक प्रयास असफल रहे हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Russia-Ukraine war: अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा है कि रूस और उसके साथ तेल खरीदने वाले देशों पर कड़े प्रतिबंध लगाने से रूस की अर्थव्यवस्था पतन की ओर जा सकती है. उनका मानना है कि ऐसा आर्थिक दबाव ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत की मेज पर वापस लाने और यूक्रेन के साथ शांति वार्ता शुरू करने के लिए मजबूर करेगा. इन देशों में भारत एक प्रमुख देश है.

रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर दबाव

बेसेन्ट ने कहा कि अमेरिका और यूरोप मिलकर उन देशों पर दबाव बढ़ाएं जो रूसी तेल खरीद रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि वे किन देशों की बात कर रहे हैं, लेकिन यह बात अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर हो रही कड़ी नीतियों से जुड़ी हुई मानी जा रही है. भारत पर अमेरिकी टैरिफ पहले से ही बहुत अधिक हैं, बावजूद इसके कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के लिए प्रशंसा जताई है.

बेसेन्ट ने कहा कि हम इस बात का आकलन कर रहे हैं कि यूक्रेनी सेना कितने समय तक संघर्ष कर सकती है और रूसी अर्थव्यवस्था कितनी देर तक टिक सकती है. यदि हम रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर और अधिक प्रतिबंध और द्वितीयक शुल्क लगाते हैं, तो रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी और पुतिन को शांति वार्ता के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

भारत पर टैरिफ और राजनीतिक तनाव

भारत ने अमेरिकी टैरिफ के फैसले को राष्ट्रीय हितों का हिस्सा बताते हुए उसे स्वीकार नहीं किया है. अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए 25% दंडात्मक टैरिफ लगाया है, जिससे भारत के कई उत्पादों पर कुल अमेरिकी आयात शुल्क 50% तक पहुंच गया है. अमेरिका लगातार भारत पर आरोप लगाता रहा है कि वह रूस को आर्थिक रूप से समर्थन दे रहा है और यूक्रेन में युद्ध को बढ़ावा दे रहा है.

अमेरिका के कूटनीतिक प्रयास

हालांकि, अमेरिका ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है, जिसमें प्रतिबंधों को और सख्त करने पर जोर दिया गया है. बेसेंट ने कहा कि रूस पर और अधिक दबाव डालने के लिए अमेरिका को यूरोपीय सहयोगियों की भी जरूरत होगी.

शांति वार्ता की चुनौतियां

स्कॉट बेसेंट के बयान के समय यूक्रेन में युद्ध और भी हिंसक हो गया है. रूस ने कीव के मुख्य सरकारी परिसर पर बमबारी की, जिसे यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने संघर्ष में बढ़ोतरी के रूप में देखा. हालांकि पिछले महीने हुए अलास्का शिखर सम्मेलन में ट्रम्प और पुतिन के बीच मध्यस्थता के प्रयास हुए, लेकिन युद्ध समाप्ति की दिशा में कोई ठोस सफलता नहीं मिली.

टैरिफ विवाद और अदालत

साक्षात्कार में बेसेंट से उस विवाद पर भी सवाल किया गया जिसमें अमेरिकी सर्किट कोर्ट ने टैरिफ को अवैध ठहराने का आदेश दिया था. इस पर उन्होंने भरोसा जताया कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा और वहां अमेरिका की जीत सुनिश्चित होगी.

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07 September 2025, 08:11 PM IST

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