राहुल गांधी का तीखा हमला, कहा ट्रम्प के टैरिफ दबाव में झुकेंगे मोदी, व्यापार समझौते पर उठाया सवाल!
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया ने केंद्रीय मंत्री पीयूस गोयल के उस बयान के बाद आया है. जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिका के साथ तभी व्यापार समझौता करेगा जब वह उसके हितों की रक्षा में होगी.

Rahul Gandhi Statement: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और व्यापारिक रणनीति पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने दावा किया है कि मोदी सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा निर्धारित टैरिफ समयसीमा के दबाव में आकर व्यापार समझौते में भारत के हितों को नजर अंदाज कर सकते है. गांधी ने इसे भारत की आर्थिक के लिए खतरा बताया और सरकार से इस मुद्दे पर सुझ-बुझ बरतने की मांग की. राहुल गांधी ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर पहले से ही चर्चाएं तेज हैं. ट्रम्प प्रशासन की ओर से टैरिफ और व्यापार नीतियों पर सख्त रुख अपनाने पर, राहुल गांधी ने सरकार की तैयारियों और रणनीति पर सवाल उठाए हैं.
राहुल गांधी का बयान और आरोप
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, "मोदी ट्रम्प की टैरिफ समयसीमा के आगे झुकेंगे." उन्होंने चेतावनी दी कि भारत सरकार की कमजोर नीतियों के कारण देश को व्यापार समझौते में नुकसान उठाना पड़ सकता है. गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय दबावों के सामने घुटने टेके हैं. जिसका खामियाजा भारतीय अर्थव्यवस्था और छोटे व्यापारियों को भुगतना पड़ता है.
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों का संदर्भ
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते फिलहाल उतार-चढ़ाव से भरे रहे हैं. ट्रम्प प्रशासन ने बार-बार भारत पर अपने बाजारों को और खोलने का दबाव बनाया है, खासकर कृषि, डेयरी और तकनीकी क्षेत्रों में. दूसरी ओर, भारत ने अपनी स्वदेशी नीतियों और आत्मनिर्भर भारत के विजन को प्राथमिकता देने की कोशिश की है. ऐसे में, ट्रम्प द्वारा टैरिफ समयसीमा को लेकर सख्ती बरतने की खबरों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.
राहुल गांधी की मांग
राहुल गांधी ने सरकार से मांग की है कि वह व्यापार समझौते की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरते और जनता को इसकी पूरी जानकारी दे. उन्होंने कहा कि भारत के किसानों, छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के हितों की रक्षा होनी चाहिए. राहुल गांधी ने साथ मे यह भी कहा कि सरकार को ट्रम्प की नीतियों के सामने रीढ़ की हड्डी दिखानी चाहिए और भारत की आर्थिक संप्रभुता को प्राथमिकता देनी चाहिए.
विश्लेषकों का मानना है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसमें संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा. ट्रम्प की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति और भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के बीच सामंजस्य बिठाना आसान नहीं होगा. राहुल गांधी का यह बयान न केवल सरकार पर दबाव बढ़ाता है, बल्कि जनता के बीच इस मुद्दे पर जागरूकता पैदा कर दिया है.