लिथियम ट्रायएंगल में मोदी की एंट्री! अर्जेंटीना से बदलेगा भारत का पावर गेम
PM मोदी अर्जेंटीना पहुंचे हैं, जो लिथियम जैसे कीमती खजाने के लिए मशहूर है. यह देश बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अहम संसाधन देता है. भारत यहां से लिथियम, सोया तेल खरीदता है और दवाइयां व टेक्नोलॉजी बेचता है. अर्जेंटीना वैश्विक अर्थव्यवस्था में ऊर्जा बनता जा रहा है.

इंटरनेशनल न्यूज. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच दिवसीय विदेश यात्रा के तहत अर्जेंटीना पहुंचना सिर्फ एक राजनयिक दौरा नहीं बल्कि भारत के भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिहाज से बेहद रणनीतिक कदम है. अर्जेंटीना इस समय दुनिया की निगाहों में है, और इसकी सबसे बड़ी वजह है यहां पाया जाने वाला बहुमूल्य खनिज—लिथियम, जो आज की दुनिया का ‘सफेद सोना’ बन चुका है.
अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली के साथ मिलकर ‘लिथियम ट्रायएंगल’ का हिस्सा है. ये तीन देश मिलकर दुनिया के 80% से ज्यादा लिथियम का उत्पादन करते हैं. अकेले अर्जेंटीना दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक है और उसके पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार है. वर्ष 2025 तक अर्जेंटीना ने 1.3 लाख टन से ज्यादा लिथियम उत्पादन का लक्ष्य तय किया है, जिससे वैश्विक मांग को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है.
भारत को क्यों चाहिए अर्जेंटीना का लिथियम?
भारत स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है. लिथियम-आयन बैटरियों की मांग लगातार बढ़ रही है और ऐसे में अर्जेंटीना भारत के लिए एक भरोसेमंद साथी बनकर उभरा है. भारत की सरकारी कंपनी खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड को अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में लिथियम खनन का अधिकार भी मिल चुका है. जनवरी 2024 में हुए इस समझौते की लागत ₹200 करोड़ थी.
व्यापारिक साझेदारी में मजबूती
भारत आज अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन चुका है. वर्ष 2024 में दोनों देशों के बीच 5.2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार हुआ. भारत अर्जेंटीना को पेट्रोलियम उत्पाद, दवाइयाँ और टू-व्हीलर निर्यात करता है, जबकि अर्जेंटीना से भारत मुख्य रूप से सोया और सूरजमुखी तेल, अनाज और चमड़ा आयात करता है. इसके अलावा भारत अब शेल गैस और एलएनजी जैसे ऊर्जा स्रोतों पर भी अर्जेंटीना के साथ साझेदारी करना चाहता है.
रणनीतिक सहयोग भी अहम
अर्जेंटीना ने न सिर्फ पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी, बल्कि भारत के न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) में शामिल होने के प्रयासों का भी समर्थन किया है. साथ ही अर्जेंटीना ने भारत के तेजस लड़ाकू विमान में भी रुचि दिखाई है. इन क्षेत्रों में संयुक्त उत्पादन, प्रशिक्षण और तकनीक ट्रांसफर की संभावना जताई जा रही है.
वैश्विक ताकतों के लिए जरूरी देश
अर्जेंटीना के पास लिथियम के अलावा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस भंडार, चौथा सबसे बड़ा अपरंपरागत तेल संसाधन, और तांबा, चांदी, सोना जैसे खनिज भी मौजूद हैं. ये सब उसे न केवल ऊर्जा बाजार में बल्कि रणनीतिक भू-राजनीतिक संतुलन में भी खास बनाते हैं.