दलित वोटबैंक साधने की कोशिश में राहुल, छात्रों से करेंगे सीधी बातचीत
बिहार चुनाव से पहले राजनीति गरमाई हुई है. राहुल गांधी दलित वोटों को साधने के लिए दौरे पर हैं, वहीं पीएम मोदी भी जल्द आ रहे हैं. कांग्रेस ने दलित नेतृत्व को आगे बढ़ाया है और सामाजिक न्याय को मुद्दा बनाया है, जिससे राज्य में समीकरण बदल सकते हैं.

राहुल गांधी 15 मई को बिहार के दौरे पर आ रहे हैं, जो इस वर्ष उनका चौथा दौरा होगा. इससे पहले, उन्होंने 18 जनवरी को पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन और 5 फरवरी को जगलाल चौधरी की जयंती पर कार्यक्रमों में भाग लिया था. राहुल गांधी का यह दौरा आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस की दलित और पिछड़े वर्गों के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
राहुल गांधी का मुख्य उद्देश्य बिहार में दलित और अतिपिछड़े वर्ग के मतदाताओं को आकर्षित करना है, जो राज्य की कुल आबादी का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस वर्ग के मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए, प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दलित नेता राजेश कुमार और सह प्रभारी के रूप में सुशील पासी को नियुक्त किया है.
राहुल गांधी का बिहार दौरा
राहुल गांधी के 15 मई के दौरे में पटना में सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात और 'फुले' फिल्म की स्क्रीनिंग शामिल है, जो महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है. इसके अलावा, वह दरभंगा या मुजफ्फरपुर में दलित और अतिपिछड़े छात्रों के साथ संवाद करेंगे, जिसमें शिक्षा, रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
दलित छात्रों से संवाद और फुले फिल्म की स्क्रीनिंग
इस दौरे के दौरान, कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी विभिन्न जिलों में दलित और पिछड़े वर्ग के मुद्दों पर संवाद कार्यक्रमों में भाग लेंगे. कांग्रेस पार्टी का यह प्रयास आगामी विधानसभा चुनावों में सामाजिक न्याय के एजेंडे को मजबूत करने और दलित और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.


