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दिल्ली से लेकर पहाड़ों पर बारिश की मार, केदारनाथ यात्रा रोकी गई

भारी मानसून के चलते देश के कई राज्यों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यात्राएं स्थगित और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान, यूपी और झारखंड में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

देशभर में मानसून की तीव्रता ने पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. जम्मू-कश्मीर में श्री अमरनाथ यात्रा को 3 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. भारी बारिश और रास्तों की मरम्मत कार्य को देखते हुए यह निर्णय लिया गया. बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर सुरक्षा कारणों से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी गई है.

केदारनाथ यात्रा लगातार तीसरे दिन स्थगित

उत्तराखंड में भी बारिश और भूस्खलन के चलते केदारनाथ यात्रा लगातार तीसरे दिन स्थगित रही. गौरीकुंड हाईवे अवरुद्ध होने से यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. बाबा केदार के दर्शन कर लौट रहे 450 श्रद्धालुओं को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने वैकल्पिक रास्तों से सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया. वहीं, करीब 5000 यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोका गया है.

हिमाचल प्रदेश में लाहौल घाटी के तीन क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं हुईं. तिंदी में बाढ़ से एक वाहन मलबे में दब गया और सड़क संपर्क बाधित हो गया, जिसे बीआरओ ने देर शाम तक बहाल किया. कांगड़ा जिले में तेज बारिश से दो मकान और सात पशुशालाएं ढह गईं, वहीं गुलेर गांव में एक वृद्ध की मौत हो गई.

राजस्थान के 16 जिलों में स्कूल बंद 

राजस्थान में हालात और भी चिंताजनक हैं. 16 जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. श्रीगंगानगर की सड़क बह गई और नागौर-राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया. सवाईमाधोपुर और धौलपुर में सेना की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं. सीकर में मकान गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि जैतसर गांव में स्कूल और दुकान ढहने की खबर है.

उत्तर प्रदेश के काशी क्षेत्र में गंगा नदी चेतावनी बिंदु पार कर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार तक पहुंच गई है. गलियों में नावें चल रही हैं. प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं, जिससे 14 बस्तियां और 44 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.

बुंदेलखंड में यमुना औऱ बेतवा नदी उफान पर 

बुंदेलखंड में यमुना, बेतवा, केन जैसी नदियों के उफान से खेत-गांव डूब गए हैं. करीब 8 लाख क्यूसेक पानी इन नदियों से आ रहा है, जिसके चलते 95 बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं.

झारखंड में भी भारी बारिश ने जानलेवा रूप ले लिया. दुमका जिले में मिट्टी की दीवार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई और एक किशोरी गंभीर रूप से घायल हो गई.

देश के कई हिस्सों में बारिश से उत्पन्न संकट ने लोगों के जीवन को अस्थिर कर दिया है. प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी हैं, पर मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भी तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है.

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02 August 2025, 06:24 AM IST

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