'राजधानी एक्सप्रेस: जब भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ने बदली रेलवे की तस्वीर!' जानिए कब और कहां दौड़ी थी
क्या आप जानते हैं कि भारत की पहली राजधानी एक्सप्रेस कब चली थी और किस रूट पर दौड़ी थी? यह ट्रेन सिर्फ तेज ही नहीं, बल्कि लग्जरी सुविधाओं के साथ सफर का नया अनुभव भी लेकर आई थी. शुरुआत में इसे हफ्ते में सिर्फ 2 दिन चलाया गया था, लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि यह सबसे खास ट्रेन बन गई? जानिए इस सुपरफास्ट ट्रेन की दिलचस्प कहानी, जिसे शुरू करने से पहले जबरदस्त विरोध भी हुआ था!

Indian Railways: भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है. इसकी शुरुआत करीब 189 साल पहले हुई थी और आज यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल सेवा में गिना जाता है. भारतीय रेलवे ने समय के साथ कई बदलाव देखे हैं, लेकिन सुपरफास्ट ट्रेनों की शुरुआत में राजधानी एक्सप्रेस का नाम सबसे पहले आता है. क्या आप जानते हैं कि देश में पहली राजधानी एक्सप्रेस कब और कहां चली थी?
1 मार्च 1969 को दौड़ी थी पहली राजधानी एक्सप्रेस
भारत में पहली राजधानी एक्सप्रेस की शुरुआत 1 मार्च 1969 को हुई थी. यह ट्रेन नई दिल्ली से हावड़ा (कोलकाता) के बीच चलाई गई थी. उस समय इसे भारत की सबसे तेज और शानदार ट्रेन कहा जाता था. पूरी तरह से एसी कोचों वाली इस ट्रेन में बैठने और खाने-पीने की बेहतर सुविधाएं थीं, जो उस समय के लिए बहुत बड़ी बात थी.
पहली यात्रा में बनाया रिकॉर्ड
जब पहली बार राजधानी एक्सप्रेस चली, तो इसने 17 घंटे 20 मिनट में अपनी यात्रा पूरी की. यह उस समय एक रिकॉर्ड था, क्योंकि आम ट्रेनों की अधिकतम गति 70 किमी/घंटा हुआ करती थी, जबकि राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड 120 किमी/घंटा थी. बाद में इसकी गति बढ़ाकर 130 किमी/घंटा कर दी गई, जिससे सफर का समय 7 घंटे 20 मिनट कम हो गया.
यात्रियों के लिए लग्जरी सुविधाएं
राजधानी एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों को बेडिंग (सोने के लिए बिस्तर) और स्वादिष्ट भोजन की सुविधा दी जाती थी. यह सुविधा टिकट के किराए में ही शामिल होती थी. हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान इन सेवाओं में कुछ बदलाव किए गए थे, लेकिन अब फिर से राजधानी ट्रेनें अपनी पुरानी शान में लौट रही हैं.
शुरू में हफ्ते में सिर्फ दो दिन चलती थी ट्रेन
जब यह ट्रेन पहली बार शुरू हुई, तब यह सप्ताह में केवल दो दिन ही चलाई जाती थी. लेकिन धीरे-धीरे यात्रियों की मांग बढ़ने लगी और फिर इसे सप्ताह में पांच दिन कर दिया गया. इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण रेलवे ने समय-समय पर इसमें कई सुधार किए.
राजधानी शुरू करने पर हुआ था विरोध
दिलचस्प बात यह है कि जब राजधानी एक्सप्रेस की शुरुआत की गई, तो इसे लेकर काफी विरोध हुआ था. यहां तक कि भारतीय रेलवे के चेयरमैन भी इसके खिलाफ थे. लेकिन जब इस ट्रेन ने पहली यात्रा पूरी की, तो लोगों को इसकी सुविधाएं इतनी पसंद आईं कि यह बहुत जल्द सबसे लोकप्रिय ट्रेनों में से एक बन गई.
राजधानी चलाने का उद्देश्य
राजधानी एक्सप्रेस का मुख्य उद्देश्य भारत के बड़े शहरों को दिल्ली से जोड़ना था. पहले इसे हावड़ा से जोड़ा गया और फिर 1972 में मुंबई के लिए भी राजधानी एक्सप्रेस शुरू की गई. इसके बाद धीरे-धीरे कई अन्य शहरों के लिए भी राजधानी ट्रेनें चलाई गईं.
आज देश में चल रही हैं 24 राजधानी ट्रेनें
आज के समय में भारत में कुल 24 राजधानी ट्रेनें चल रही हैं, जो दिल्ली को अलग-अलग राज्यों और शहरों से जोड़ती हैं. इनमें से सबसे छोटी राजधानी ट्रेन जम्मू राजधानी है, जो 582 किलोमीटर की दूरी तय करती है, जबकि सबसे लंबी राजधानी ट्रेन तिरुवनंतपुरम राजधानी है, जो 3149 किलोमीटर का सफर तय करती है.
राजधानी एक्सप्रेस का भविष्य
समय के साथ भारतीय रेलवे में हाई-स्पीड ट्रेनों का विस्तार हो रहा है. वंदे भारत और बुलेट ट्रेन जैसी योजनाएं इसी दिशा में बढ़ाए गए कदम हैं. लेकिन राजधानी एक्सप्रेस आज भी अपनी तेज रफ्तार, आरामदायक सफर और बेहतर सुविधाओं की वजह से यात्रियों की पहली पसंद बनी हुई है.


