समय रैना की बढ़ीं मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगों का मजाक बनाने पर जताई कड़ी नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना और अन्य कलाकारों को दिव्यांगजनों का मजाक उड़ाने पर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी मांगने और हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.

Samay Raina: सुप्रीम कोर्ट ने मशहूर कॉमेडियन और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर समय रैना सहित अन्य कॉमेडियन्स पर कड़ा रुख अपनाते हुए दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के मामले में सार्वजनिक माफी मांगने का आदेश दिया है. अदालत ने साफ किया कि ऐसे संवेदनहीन कृत्यों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर उचित सजा और जुर्माना भी लगाया जाएगा.
ये मामला SMA Cure Foundation की याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि कई लोकप्रिय कॉमेडियन्स ने अपने कार्यक्रमों और पॉडकास्ट में दिव्यांगजनों के खिलाफ असंवेदनशील और आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जिससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंची.
किन कॉमेडियन्स पर लगे आरोप?
लाइव एंड लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जिन कॉमेडियन्स के नाम याचिका में शामिल हैं, उनमें समय रैना, विपुन गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तनवर शामिल हैं. आरोप है कि इन लोगों ने अपने शो और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिव्यांगजनों पर अपमानजनक टिप्पणियां कीं. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ कर रही है.
केंद्र को गाइडलाइंस बनाने का निर्देश
ये याचिका मशहूर यूट्यूबर्स रणवीर अल्लाहबादिया और आशीष चंचलानी से जुड़े मामलों के साथ भी जोड़ी गई है. दोनों ने ‘India’s Got Latent’ विवाद से संबंधित अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को जोड़ने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए अटॉर्नी जनरल से स्पष्ट गाइडलाइंस तैयार करने को कहा. अदालत ने कहा कि ये गाइडलाइंस सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करें और किसी भी व्यक्ति की गरिमा या आत्मसम्मान को ठेस ना पहुंचे.
कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया कि SMA Cure Foundation और अन्य हितधारकों से सक्रिय सलाह ली जाए ताकि गाइडलाइंस केवल एक घटना तक सीमित ना रहकर भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई जा सकें.
सोशल मीडिया पर माफी और हलफनामा अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना समेत अन्य प्रतिवादियों (नंबर 6 से 10) के वकीलों के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया कि ये सभी अपने-अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे. इसके अलावा, SMA Cure Foundation के सुझाव पर अदालत ने इनसे हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया है. अदालत ने उनकी व्यक्तिगत पेशी से फिलहाल छूट दे दी है, लेकिन ये शर्त रखी है कि वे अपने इस वादे का ईमानदारी से पालन करेंगे.
सजा और जुर्माने को लेकर बाद में फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि इन कॉमेडियन्स पर उचित सजा या जुर्माने का फैसला बाद में किया जाएगा. अदालत का ये रुख साफ संकेत देता है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल किसी भी वर्ग की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता.


