पुलवामा में सुरक्षाबलों का बड़ा सफलता, जैश के 3 आतंकवादी ढेर, 48 घंटे में दूसरी मुठभेड़
पुलवामा में सुरक्षाबलों ने जैश के तीन खतरनाक आतंकवादियों को मार गिराया है. ये मुठभेड़ 48 घंटे के अंदर दूसरी बड़ी कार्रवाई है. मारे गए आतंकवादियों का कनेक्शन कई गंभीर घटनाओं से जुड़ा हुआ है. सुरक्षा बलों की इस कामयाबी के पीछे क्या राज़ है और कौन-कौन से हथियार बरामद हुए, जानने के लिए पूरी खबर जरूर पढ़ें!

Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले से एक बार फिर सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल की है. त्राल इलाके के नादिर गांव में गुरुवार तड़के सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन खतरनाक आतंकवादी मार गिराए गए. यह घाटी में 48 घंटे के भीतर दूसरी बड़ी मुठभेड़ है, जो आतंकवादियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है.
48 घंटे में दूसरी मुठभेड़, सुरक्षाबलों का तगड़ा अभियान
पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की सर्च ऑपरेशन तेज हो गया है. मंगलवार को शोपियां जिले के केल्लर इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को मार गिराने के बाद अब पुलवामा में जैश के तीन आतंकवादी ढेर हो गए हैं. ये दोनों घटनाएं केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की सतर्कता और सख्ती को दर्शाती हैं.

मारे गए आतंकवादियों की पृष्ठभूमि
शोपियां में मारे गए तीन आतंकवादियों में दो की पहचान कर ली गई है. उनमें से एक था शाहिद कुट्टे, जो 2023 में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था. पिछले साल अप्रैल में डेनिश रिसॉर्ट पर हुई फायरिंग में भी कुट्टे का नाम सामने आया था, जिसमें दो जर्मन सैलानी और एक ड्राइवर जख्मी हुए थे. इसके अलावा वह मई 2023 में शोपियां के हीरपोरा में भाजपा के एक सरपंच की हत्या में भी शामिल था.
दूसरा आतंकवादी अदनान शफी था, जो 2024 में आतंकवादी समूह में शामिल हुआ. शफी शोपियां के वाची इलाके में एक गैर-स्थानीय मजदूर की हत्या में शामिल था.
बरामद हथियार और सुरक्षा बलों की सतर्कता
शोपियां में ढेर किए गए आतंकियों के पास से तीन AK-47 राइफलें, बड़ी संख्या में कारतूस और कई दूसरे हथियार बरामद हुए हैं. यह सबूत है कि आतंकवादी घाटी में बड़ी साजिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षा बलों की तत्परता ने उनकी योजना नाकाम कर दी.
पुलवामा और शोपियां में सुरक्षाबलों की लगातार सफलताएं जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम हैं. ऐसे अभियानों से आतंकवादियों में खौफ फैलता है और आम जनता को राहत मिलती है. वहीं, सुरक्षा बलों की सतर्कता और मेहनत से ही घाटी में सुरक्षा बनी रहेगी.
आगे भी ऐसे कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त किया जा सके और लोगों का जीवन सुरक्षित हो सके.


