जिसमें निर्णय लेने की क्षमता हो उसी को बैठक में भेजें, अखिलेश यादव पर भड़के स्पीकर ओम बिरला
संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा से पहले विपक्ष ने SIR मुद्दे को लेकर हंगामा किया, जिससे लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई. स्पीकर ने विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जताई, वहीं सरकार ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने सरकार पर लोकतंत्र की अनदेखी का आरोप लगाया.

संसद के मानसून सत्र के दौरान आज लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा प्रस्तावित थी. लेकिन जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जोरदार विरोध जताया. इस हंगामे के चलते लोकसभा को दो बार स्थगित करना पड़ा.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की नाराजगी
सदन की अव्यवस्था को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठकों में गंभीरता दिखानी चाहिए. उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को संबोधित करते हुए कहा कि जिन नेताओं को ऐसी बैठकों में भेजा जाता है, उन्हें निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए. स्पीकर ने यह भी पूछा कि यदि विपक्ष SIR पर पहले चर्चा चाहता था, तो उसने बैठक में इसकी बात क्यों नहीं रखी.
विपक्ष की दोहरी मांग
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार SIR पर चर्चा नहीं करना चाहती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के लिए तैयार है और उसने इसके लिए विशेष सत्र की माँग भी की थी. मगर अब SIR को भी राष्ट्रीय महत्व का विषय मानते हुए, उस पर भी चर्चा की आवश्यकता बताई गई है. उनका कहना है कि सरकार से बस इतनी अपील थी कि उन्हें SIR का मुद्दा उठाने के लिए 30 सेकंड की अनुमति दी जाए, लेकिन सरकार इस पर चर्चा से बच रही है.
गौरव गोगोई का बयान
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार न तो पहलगाम की स्थिति पर बात करना चाहती है और न ही ऑपरेशन सिंदूर पर. उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल अपनी बात रखने की अनुमति चाहता है, लेकिन बार-बार उनकी आवाज दबाई जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष ने सदन की गरिमा बनाए रखी और ना तो वेल में गया, न ही पोस्टर लेकर नारे लगाए, फिर भी कार्यवाही बाधित की गई.
सरकार का पलटवार
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया कि विपक्ष ने दोपहर 12 बजे 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा की सहमति दी थी, लेकिन ऐन मौके पर एक नया मुद्दा उठाकर चर्चा से ध्यान भटकाने की कोशिश की. उन्होंने इसे ‘बहस से भागने की रणनीति’ बताया.
पीयूष गोयल की आलोचना
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष के रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि विपक्ष सेना की बहादुरी और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर चर्चा करने से बच रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश सैनिकों के साहस पर गर्व कर रहा है, विपक्ष का ऐसा रवैया राष्ट्र की भावना के विपरीत है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राहुल गांधी तक सदन में उपस्थित नहीं हुए.


