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जम्मू-कश्मीर को फिर से मिलेगा राज्य का दर्जा? राष्ट्रपति से मोदी-शाह की बैठकों के बाद अटकलें तेज

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की अटकलें तब तेज हुईं जब प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और कई कश्मीरी नेताओं से बैठक की. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद अभी तक सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की अटकलें तेज हो गई हैं, खासकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हाल ही में हुई बैठकों के बाद. यह सिलसिला ऐसे समय में शुरू हुआ है जब अनुच्छेद 370 हटाने की वर्षगांठ (5 अगस्त) नजदीक है. सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि केंद्र सरकार राज्य के पुनर्गठन को लेकर किसी नए कदम की योजना बना सकती है.

औपचारिक ब्योरा सार्वजनिक नहीं

3 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की, जिसका कोई औपचारिक ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया. आमतौर पर ऐसी उच्च स्तरीय बैठकों के बाद पीआईबी की ओर से प्रेस रिलीज़ जारी होती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. उसी दिन अमित शाह ने भी राष्ट्रपति से अलग बैठक की, जिसने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया.

इससे पहले अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर भाजपा के नेता सत शर्मा और लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता के साथ बैठक की थी. इसके अलावा ऑल जेएंडके शिया एसोसिएशन के अध्यक्ष इमरान रजा अंसारी ने भी शाह से मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेश की जमीनी स्थिति पर चर्चा की.

बैठकों ने नई चर्चाओं को दिया जन्म 

इन बैठकों ने सोशल मीडिया पर नई चर्चाओं को जन्म दिया है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सरकार की ओर से राज्य का दर्जा बहाल करने की दिशा में एक संकेत हो सकता है. सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने ट्वीट कर कहा कि कश्मीर में शांति बहुत बड़ी कीमत पर आई है, इसलिए कोई भी निर्णय जल्दबाज़ी में नहीं लिया जाना चाहिए.

5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के हटने के बाद, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. इसके साथ ही स्थानीय विधानसभा भी भंग कर दी गई थी और प्रशासकीय नियंत्रण केंद्र के अधीन आ गया था.

हालांकि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कई बार राज्य का दर्जा लौटाने का आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई समयसीमा तय नहीं की गई है. दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर सरकार को जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया था, जो अब तक लंबित है.

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04 August 2025, 04:03 PM IST

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