झूठ बोलना बंद करें...प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार, जानें क्या दी दलील
असम के इतिहास को लेकर पीएम मोदी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. मोदी ने कांग्रेस पर असम को पाकिस्तान में शामिल करने की साजिश का आरोप लगाया, जिसे कांग्रेस ने झूठा और चुनावी राजनीति बताया.

नई दिल्लीः कांग्रेस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रविवार को असम के इतिहास को लेकर सियासी टकराव और तेज हो गया. प्रधानमंत्री द्वारा गुवाहाटी में दिए गए बयान के बाद कांग्रेस ने उन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे इतिहास के तथ्यों से छेड़छाड़ और चुनावी राजनीति करार दिया.
पीएम मोदी का कांग्रेस पर तीखा हमला
शनिवार को गुवाहाटी में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आजादी से पहले कांग्रेस ने मुस्लिम लीग और ब्रिटिश हुकूमत के साथ मिलकर असम को अविभाजित बंगाल या पूर्वी पाकिस्तान में शामिल करने की साजिश रची थी. पीएम मोदी ने इसे “ऐतिहासिक पाप” बताते हुए कहा कि अगर यह साजिश सफल हो जाती, तो असम भारत से अलग हो सकता था.
कांग्रेस का पलटवार
प्रधानमंत्री के बयान के जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर सामने आए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए पीएम मोदी के दावों को ऐतिहासिक रूप से गलत और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित बताया. टैगोर ने कहा कि असम को पाकिस्तान को सौंपने का कभी कोई प्रस्ताव नहीं था.
असम और सिलहट को लेकर क्या कहता है इतिहास
मणिकम टैगोर ने स्पष्ट किया कि विभाजन के समय असम एक हिंदू बहुल प्रांत था और उसे पाकिस्तान में शामिल करने की कोई योजना नहीं बनी थी. उन्होंने कहा कि विवाद केवल सिलहट जिले को लेकर था, जो उस समय मुस्लिम बहुल क्षेत्र था. जुलाई 1947 में ब्रिटिश शासन के दौरान सिलहट में जनमत संग्रह कराया गया था, जिसमें बहुमत ने पूर्वी बंगाल (बाद में पूर्वी पाकिस्तान) में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया था.
During Partition,Congress wanted to handover Assam to Pakistan…#PMModiInAssam pic.twitter.com/oI6bTWSyDg
— BJP Assam Pradesh (@BJP4Assam) December 20, 2025
गोपीनाथ बोरदोलोई की भूमिका पर अलग-अलग दावे
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही पार्टी कांग्रेस का विरोध कर असम को भारत से अलग होने से बचाया. पीएम ने कहा कि बोरदोलोई ने असम की पहचान को बचाने के लिए साहसिक कदम उठाए.
इस पर टैगोर ने कहा कि बोरदोलोई का योगदान निर्विवाद है, लेकिन इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करना गलत है. उन्होंने बताया कि बोरदोलोई के प्रयासों के कारण ही करीमगंज उपखंड को भारत में बनाए रखा गया, जबकि यह फैसला कांग्रेस की साजिश का नहीं, बल्कि ऐतिहासिक परिस्थितियों और जनमत संग्रह का परिणाम था.
विभाजन के लिए कांग्रेस नहीं
कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि भारत का विभाजन ब्रिटिश सरकार की जल्दबाजी और मुस्लिम लीग की मांगों का नतीजा था. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी एक जटिल और दर्दनाक इतिहास को चुनावी नारे में बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
घुसपैठ और जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति का भी जिक्र किया और इसे असम में घुसपैठ और जनसांख्यिकीय बदलाव से जोड़ा. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है. पीएम के अनुसार, इससे असम की सुरक्षा, पहचान और संसाधनों पर खतरा पैदा हो गया है.
सियासी बयानबाजी तेज
कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इतिहास और वर्तमान मुद्दों को मिलाकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं. यह विवाद आने वाले चुनावों से पहले असम की राजनीति में और तीखापन लाने के संकेत दे रहा है.


