आंधी, बारिश और ओलों ने मचाई तबाही, यूपी, बिहार और झारखंड में 52 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में आंधी, बारिश, बिजली और ओलावृष्टि से भारी तबाही हुई है. तीनों राज्यों में कुल 52 लोगों की मौत हो गई, जिनमें बिहार में सबसे ज्यादा 25 मौतें हुईं. कई पशुओं की भी जान गई और फसलें बर्बाद हो गईं. सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.

उत्तर भारत में मौसम ने एक बार फिर कहर बरपाया है. यूपी, बिहार और झारखंड में तेज आंधी, बारिश, बिजली गिरने और ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. तीनों राज्यों में अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से बिहार में 25, यूपी में 22 और झारखंड में 5 लोगों की जान गई है.
बिहार में सबसे ज्यादा असर नालंदा जिले में देखा गया, जहां 18 लोगों की मौत हुई. अन्य जिलों जैसे सीवान, कटिहार, दरभंगा, बेगूसराय, भागलपुर और जहानाबाद में भी जानें गई हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये देने का आदेश दिया है. पटना में भारी बारिश से जलजमाव भी हो गया है.
ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने पटना, नालंदा, नवादा, गया, दरभंगा, चंपारण जैसे कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. शुक्रवार और शनिवार को तेज बारिश, बिजली और आंधी की चेतावनी दी गई है.
उत्तर प्रदेश: आकाशीय बिजली और ओलों का कहर
यूपी में 22 लोगों की मौत हुई है. आकाशीय बिजली, ओले और आंधी से 45 पशु भी मारे गए और 15 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
ज्यादा प्रभावित जिले हैं – फतेहपुर, आजमगढ़, फिरोजाबाद, कानपुर देहात, सीतापुर, बलिया, सिद्धार्थनगर, गोंडा, अमेठी, जौनपुर आदि.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की राहत राशि देने का आदेश दिया है. साथ ही घायलों का इलाज और पशुहानि पर मुआवजा देने के निर्देश भी दिए हैं.
झारखंड: बर्फ जैसी ओलावृष्टि, 5 की मौत
झारखंड में ओलावृष्टि से सड़कों और खेतों पर बर्फ जैसी चादर बिछ गई. हजारीबाग में 3, जबकि चुरचू और गुमला में 1-1 मौत हुई.
तेज हवाओं से पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे कई इलाकों में रास्ते बंद हो गए.
डाल्टनगंज में सबसे ज्यादा 31.8 मिमी बारिश दर्ज हुई. रांची और अन्य इलाकों में भी मौसम खराब रहा.
फसलें बर्बाद, किसान परेशान
तीनों राज्यों में खड़ी फसलें ओलावृष्टि और पानी से खराब हो गईं. खेतों में पानी भर गया और कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए. किसानों को भारी नुकसान हुआ है.


