बिना पासपोर्ट 10 साल के बेटे को लेकर अमेरिका भागा शख्स, जब सुप्रीम कोर्ट को चला पता तो...
Child Custody Case: सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, जो बिना पासपोर्ट के अपने 10 साल के बेटे को लेकर अमेरिका भाग गया. अदालत ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए गृह मंत्रालय को आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और यह जांच करने का आदेश दिया है कि उसे देश छोड़ने में किसकी मदद मिली. इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.

Child Custody Case: सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, जो बिना पासपोर्ट के अपने 10 साल के बेटे को लेकर अमेरिका भाग गया. यह मामला तब सामने आया जब अदालत में उसकी अनुपस्थिति दर्ज की गई, जबकि उसका पासपोर्ट कोर्ट की हिरासत में था. यह मामला न केवल अदालत की अवमानना से जुड़ा है, बल्कि इसमें कई सरकारी एजेंसियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है. सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को आदेश दिया है कि वह आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करे और यह पता लगाए कि बिना पासपोर्ट के वह देश से बाहर कैसे गया.
इस पूरे विवाद की जड़ एक वैवाहिक कलह है, जिसमें आरोपी अपनी पूर्व पत्नी से बच्चे की कस्टडी को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहा था. अदालत ने पहले ही बच्चे को मां के हवाले करने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बावजूद आरोपी ने आदेश का पालन नहीं किया और अमेरिका भाग गया. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को निर्धारित की है.
कैसे हुआ बड़ा खुलासा?
सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी 2024 को दिए अपने आदेश में आरोपी को सभी कानूनी कार्यवाही के दौरान अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया था. लेकिन 22 जनवरी 2025 को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी अदालत में पेश नहीं हुआ. इसके बाद जब आरोपी के वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कोर्ट को सूचित किया कि वह अमेरिका जा चुका है, तो अदालत ने सख्त रुख अपनाया.
गृह मंत्रालय से जवाब तलब
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा शामिल हैं, ने इस बात पर हैरानी जताई कि किसी व्यक्ति को बिना पासपोर्ट के अमेरिका जाने की अनुमति कैसे दी गई. अदालत ने गृह मंत्रालय से इस पूरे मामले की जांच करने को कहा है और निर्देश दिया है कि पता लगाया जाए कि इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे.
गैर-जमानती वारंट और संपत्ति पर रोक
कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए कहा कि उसकी गिरफ्तारी के लिए हर संभव कानूनी कदम उठाए जाएं. इसके अलावा, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में उसकी संपत्ति से जुड़ा कोई भी लेन-देन सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा.
क्या है पूरा मामला?
आरोपी और उसकी पत्नी की शादी फरवरी 2006 में हुई थी और दोनों अमेरिका में बस गए थे. उनके 10 साल के बेटे के जन्म के बाद आपसी विवाद बढ़ने लगे. 12 सितंबर 2017 को मिशिगन की एक अदालत ने दोनों के तलाक को मंजूरी दे दी. लेकिन पत्नी ने भारत में आरोपी के खिलाफ कई कानूनी कार्यवाही शुरू की.
अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत आरोपी को बच्चे की कस्टडी मां को सौंपनी थी. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद पत्नी ने अदालत में अवमानना याचिका दायर की. 26 सितंबर 2022 और 10 नवंबर 2022 को दिए गए आदेशों में आरोपी को अदालत में पेश होने को कहा गया था, लेकिन उसने इसका पालन नहीं किया.
अब सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए गृह मंत्रालय को उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और मामले की पूरी जांच करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.


