तेजस्वी का चुनाव आयोग पर हमला, बोले– विज्ञापन कुछ और, आदेश कुछ और
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आधार कार्ड को अमान्य मानने और निर्देशों की विरोधाभासी भाषा पर चिंता जताई है. तेजस्वी ने आयोग से बिंदुवार जवाब मांगा है और प्रक्रिया को गरीबों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया.

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासत तेज हो गई है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग की मंशा और प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग पारदर्शिता के नाम पर जनता को गुमराह कर रहा है और इस पूरी प्रक्रिया का राजनीतिक दुरुपयोग हो रहा है.
तेजस्वी ने कहा कि आयोग द्वारा जारी किए गए विज्ञापन और निर्देशों में विरोधाभास है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब वोटर कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड एक मानक दस्तावेज है, तो फिर पुनरीक्षण प्रक्रिया में आधार को क्यों खारिज किया जा रहा है? आयोग का विज्ञापन कहता है कि बिना दस्तावेज के भी गणना प्रपत्र भरकर जमा किया जा सकता है, जबकि इसके विपरीत आदेश में दस्तावेज अनिवार्य बताए जा रहे हैं. तेजस्वी ने आयोग से मांग की कि वह सभी बिंदुओं पर स्पष्ट जवाब दे और इस प्रक्रिया को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल न किया जाए.
गठबंधन दलों ने जताई चिंता
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि 5 जुलाई को उन्होंने चुनाव आयोग से मिलकर अपनी चिंता जताई थी, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. उनका कहना था कि बिहार राज्य का चुनाव आयोग केवल ‘डाकघर’ की तरह काम करता है और उसे स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने यह भी मांग की कि आयोग बताए कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए जो कर्मचारी लगाए गए हैं, वे सरकारी हैं या निजी एजेंसियों से हैं.
कांग्रेस का ऐलान: 9 जुलाई को चक्का जाम
इस बीच, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. पार्टी ने 9 जुलाई को राज्यव्यापी चक्का जाम करने की घोषणा की है. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी इस प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पूरी तरह से भ्रम में है और उसकी कार्यप्रणाली पारदर्शी नहीं है.
बीजेपी का पलटवार
वहीं, आरजेडी और कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मतदाता सत्यापन एक नियमित प्रक्रिया है, जिसका मकसद फर्जी वोटरों को हटाना और वैध वोटरों की पुष्टि करना है. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे खास समुदाय के लोगों में भ्रम और डर फैलाकर राजनीति करना चाहते हैं.


