ठंडे रेगिस्तान में 35 डिग्री पहुंचा तापमान, लेह की भयानक गर्मी से 3 दिनों में 12 उड़ानें रद्द
Leh Airport: लेह के हवाई अड्डे पर गर्मी ने उड़ान भरने में मुश्किलें पैदा कर दी हैं. इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी बड़ी एयरलाइंस को कई उड़ाने रद्द करनी पड़ी हैं, क्योंकि दिन के समय तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है. इतनी गर्मी में हवा का घनत्व कम हो जाता है, जिससे हवाई जहाज का उड़ान भरना सुरक्षित नहीं रहता. बता दें कि लेह भारत का सबसे ऊंचा हवाई अड्डा है. यहां ऐसा पहली बार कि गर्मी की वजह से उड़ाने रद्द करनी पड़ी हैं.

Leh Airport: भारत के ठंडे रेगिस्तान के रूप में प्रसिद्ध लेह-लद्दाख में दिन का तापमान लगभग 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे वहां इतनी गर्मी हो गई है कि कई भारतीय एयरलाइनों ने अपनी उड़ानें रद्द करने की घोषणा कर दी है. पिछले तीन दिनों में करीब 12 उड़ानें रद्द की गई हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई यूजर्स ने बताया कि यात्री लेह एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं. किफायती एयरलाइन इंडिगो ने 31 जुलाई तक अपनी वेबसाइट पर फ्लाइट बुकिंग रद्द कर दी है.
सोमवार को इंडिगो ने एक्स पर एक पोस्ट में उड़ानों के रद्द होने के कारणों के बारे में पोस्ट किया और अपने यूजर्स के लिए रिफंड का वादा किया. पोस्ट में लिखा है कि लेह में उच्च जमीनी तापमान और रनवे प्रतिबंधों ने आज के लिए सभी उड़ानों को रद्द करना आवश्यक बना दिया है. यदि आप फिर से बुकिंग करना चाहते हैं या धन वापसी का दावा करना चाहते हैं, तो https://bit.ly/3MxSLeE पर जाएं. हमें हुई असुविधा के लिए खेद है और हम आपकी समझदारी की सराहना करते हैं.
#6ETravelAdvisory: High ground temperatures and runway restrictions in #Leh have necessitated the cancellation of all flights for today. If you wish to re-book or claim a refund, visit https://t.co/6643rYeCxF We regret the inconvenience caused and appreciate your understanding.
— IndiGo (@IndiGo6E) July 29, 2024
बढ़ते तापमान के कारण उड़ानें रद्द
लेह-लद्दाख में बढ़ते तापमान के कारण उड़ानों का रद्द होना एक आम बात हो गई है, लेकिन दिन के समय असहनीय तापमान के कारण बड़े पैमाने पर उड़ानों के रद्द होने का यह पहला मामला है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, लेह जैसे ऊंचे स्थानों पर कम वायु घनत्व के कारण विमान के इंजन फेल हो सकता है. ऊंचाई बढ़ने के साथ हवा का तापमान कम हो जाता है. हवा का दबाव भी कम हो जाता है, जिससे वायु घनत्व कम हो जाता है.
लेह में हवाई यात्रा कठिन
इससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, यही वजह है कि ऊंचाई वाले जगह पर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर रहते हैं. 14,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित लेह हवाई अड्डा देश के अन्य स्थानों की तुलना में हवाई जगह के लिए अधिक कठिन है. लेह में, पूरे साल हवा का दबाव कम रहता है और तापमान में कोई भी असामान्य वृद्धि वायु घनत्व को और कम कर सकती है.