पहलगाम हमले की अनदेखी पड़ी भारी, ऑस्ट्रेलिया तक फैला जिहादी आतंक, अरब एक्सपर्ट ने पाक पर सख्त कार्रवाई की मांग की
ऑस्ट्रेलिया ने कभी अवैध प्रवासियों के लिए अपने दरवाजे खोलकर स्वागत किया था, लेकिन अब वही नीति देश के लिए सिरदर्द बन गई है. हाल के दिनों में यहूदियों के खिलाफ हमले और हिंसा में खतरनाक तरीके से इजाफा हुआ है. इस मुद्दे पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कड़ा रुख अपनाया है और ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर सीधा आरोप लगाया है कि वह अपने यहूदी नागरिकों की सुरक्षा की अनदेखी कर रही है.

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार शाम बॉन्डी बीच पर हुए भीषण आतंकी हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अनुसार, इस हमले में दो हमलावर शामिल थे, जिनमें से एक को मार गिराया गया है, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है. इस घटना में दो पुलिस अधिकारियों सहित करीब 30 लोग घायल हुए हैं.
पुलिस ने हमलावरों की पहचान पाकिस्तान मूल के बाप-बेटे के रूप में की है. मीडिया के मुताबिक, बंदूकधारियों में से एक सिडनी के दक्षिण-पश्चिमी इलाके बोनिरिग का रहने वाला नवीद अकरम है, जबकि दूसरा उसका पिता साजिद अकरम बताया गया है.
हनुका कार्यक्रम के दौरान हुआ हमला
जब यह आतंकी वारदात हुई, उस समय बॉन्डी बीच पर यहूदी त्योहार हनुका के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था. इसी दौरान हुई गोलीबारी ने इलाके में अफरा-तफरी मचा दी. इस घटना के बाद एक बार फिर इस्लामिक आतंकवाद को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.
ऑस्ट्रेलिया की नीति पर उठे सवाल
हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया की अवैध प्रवासियों को लेकर अपनाई गई नीतियों पर भी बहस तेज हो गई है. एक समय खुले तौर पर अवैध प्रवासियों का स्वागत करने वाली नीति पर अब सवाल खड़े किए जा रहे हैं. यहूदियों के खिलाफ बढ़ते हमलों को लेकर चिंता गहराती जा रही है.
इसी बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर यहूदियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.
आतंकी हमले में पाकिस्तान कनेक्शन का दावा
इस हमले के बाद अरब एक्सपर्ट्स ने भी प्रतिक्रिया दी है. संयुक्त अरब अमीरात के जियो-पॉलिटिकल एक्सपर्ट अमजद ताहा ने इस आतंकी घटना के पीछे पाकिस्तानी विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि दोनों आतंकी पाकिस्तान मूल के हैं और यहूदी समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाली सोच इसके पीछे है.
अमजद ताहा का बयान
अमजद ताहा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में यहूदियों के खिलाफ बढ़ती नफरत पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने लिखा, मैं यहां बोंडी बीच में था. कुछ महीने पहले, भारत ने कश्मीर में इस्लामी पाकिस्तान समर्थित जिहादी आतंकवाद का सामना किया. दुनिया ने इसे नजरअंदाज कर दिया. अब वही विचारधारा ऑस्ट्रिया और बोंडी बीच तक भी पहुंच गई है और यहूदी समुदाय के खिलाफ नरसंहार कर रही है.
उन्होंने आगे लिखा कि पाकिस्तान हाल ही में सूडानी मुस्लिम ब्रदरहुड के नेतृत्व वाली सेना को हथियार भी भेज रहा है, जो 80,000 से ज्यादा लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है. यह सब रुकना चाहिए. पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. आज यहूदी-विरोध अब सिर्फ मामूली नफरत नहीं रही. कई जगहों पर, इसे सरकारों द्वारा संरक्षित किया जाता है और माफ किया जाता है, और यहां तक कि बढ़ावा भी दिया जाता है, चाहे वह पूरब में हो या ऑस्ट्रेलिया में. 7 अक्टूबर से ही चेतावनी के संकेत दिख रहे थे. यहूदी-विरोध खुलेआम बढ़ रहा था उसे बर्दाश्त किया जा रहा था, और उसे फैलने दिया जा रहा था. जब नफरत को नजरअंदाज किया जाता है, तो वह बढ़ जाती है. जब आतंकवाद को माफ किया जाता है, तो वह कई गुना बढ़ जाता है. यह उसी का नतीजा है.


