वो हिंदू रानी जो औरंगजेब के लिए होना चाहती थी सती, मुगल बादशाह की थी सबसे खास
Mughal history: मुगल सम्राट औरंगजेब को अक्सर एक कट्टर शासक के रूप में देखा जाता है, लेकिन उसके जीवन से जुड़े कई पहलू हैं जो इस धारणा को चुनौती देते हैं. उसकी दो पत्नियां हिंदू थीं, जिनमें से एक उदैपुरी बेगम उससे इतनी प्रेम करती थीं कि उन्होंने उसकी मृत्यु के बाद सती होने की इच्छा जताई थी. औरंगजेब के पत्रों में इसका स्पष्ट उल्लेख मिलता है.

Mughal history: मुगल सम्राट औरंगजेब को भारतीय इतिहास का सबसे विवादास्पद शासक माना जाता है. 1658 से 1707 तक भारत पर शासन करने वाले इस बादशाह को लेकर इतिहासकारों में मतभेद रहा है. औरंगजेब पर आरोप लगाए जाते हैं कि वह हिंदू मंदिरों को नष्ट करता था और धार्मिक रूप से कट्टर था. लेकिन इतिहास के कुछ पन्ने उसकी एक अलग तस्वीर भी पेश करते हैं. यह चौंकाने वाली बात है कि औरंगजेब की दो पत्नियां हिंदू थीं, जिनमें से एक उदैपुरी बेगम उसके प्रति इतनी समर्पित थीं कि उन्होंने औरंगजेब की मृत्यु के बाद सती होने की इच्छा जताई थी.
उदैपुरी बेगम को लेकर इतिहास में मतभेद हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह औरंगजेब की सबसे प्रिय बेगम थीं. उन्होंने अपने बेटे काम बख्श को जन्म दिया और अंतिम समय तक सम्राट के साथ रहीं. औरंगजेब ने अपने बेटे को लिखे पत्रों में उनकी गहरी निष्ठा का जिक्र किया है. इससे यह भी पता चलता है कि मुगल बादशाह की छवि जितनी कठोर मानी जाती है, उतनी एकतरफा नहीं थी.
कौन थीं उदैपुरी बेगम?
उदैपुरी बेगम के बारे में अलग-अलग मत हैं. कुछ इतिहासकार उन्हें जोधपुर की सिसोदिया राजपूत रानी मानते हैं, जबकि कुछ उन्हें जॉर्जिया की ईसाई मूल की बताते हैं. कहा जाता है कि वह पहले मुगल शहजादे दारा शिकोह के हरम में थीं, लेकिन बाद में औरंगजेब के पास आ गईं.
औरंगजेब और उदैपुरी के प्रेम का प्रमाण
इतिहासकारों के अनुसार, औरंगजेब अपनी हिंदू पत्नी उदैपुरी बेगम से गहरा प्रेम करता था. मुगल बादशाह के पत्रों का संकलन 'रुक्काते आलमगीरी' और उसके अंग्रेजी अनुवाद 'लेटर्स ऑफ औरंगजेब' में इस बात का उल्लेख है. औरंगजेब ने अपने बेटे काम बख्श को एक पत्र में लिखा था कि उदैपुरी बेगम उसकी मृत्यु के बाद सती होने को तैयार थीं. पत्र में औरंगजेब लिखता है- "काम बख्श... तुम्हारी माँ मेरी बीमारी में मेरे साथ हैं. वह भी मेरे साथ परलोक जाने को तैयार है (वह मेरे मरते ही सती होने की तैयारी कर रहा है). भगवान आपको शांति दे."
काम बख्श के प्रति औरंगजेब का नरम रवैया
उदैपुरी बेगम के प्रभाव के कारण औरंगजेब अपने बेटे काम बख्श की गलतियों को बार-बार माफ करता रहा. काम बख्श शराब का आदी था और प्रशासनिक कार्यों में रुचि नहीं लेता था, लेकिन उदैपुरी की वजह से उसे कई अवसर दिए गए.
क्या उदैपुरी वास्तव में हिंदू थीं?
कुछ यूरोपीय यात्रियों और इतिहासकारों का मानना था कि उदैपुरी मूल रूप से एक जॉर्जियन महिला थीं, जिन्हें दारा शिकोह ने खरीदा था. बाद में औरंगजेब ने उन्हें अपने महल में स्थान दिया. लेकिन राजपूतों के इतिहासकार मेजर टॉड और मराठा इतिहासकार ग्रांड डफ का मानना था कि वह जोधपुर की राजपूत महिला थीं.
इतिहास में उदैपुरी का स्थान
इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने अपनी पुस्तक 'हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब' में उदैपुरी बेगम को औरंगजेब की पत्नी मानने से इनकार किया, लेकिन इसके लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया. हालांकि, उनके पत्रों और समकालीन दस्तावेजों में उन्हें बादशाह की पत्नी माना गया है.
1707 में औरंगजेब की मृत्यु के कुछ महीनों बाद उदैपुरी बेगम भी चल बसीं. इतिहास में उनकी भूमिका चाहे जितनी विवादित रही हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह औरंगजेब के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती थीं और उनका प्रेम बादशाह के अंतिम दिनों तक बना रहा.
Disclaimer: ये स्टोरी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


