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पति ने पत्नी से अंडा करी बनाने को कहा, पत्नी ने मना किया तो पति ने उठाया ये कदम

छत्तीसगढ़ में पत्नी से अंडा करी को लेकर हुए विवाद के बाद 40 वर्षीय टिकूराम सेन ने आत्महत्या कर ली. पत्नी ने करु भात त्यौहार के कारण खाना बनाने से इनकार किया था. यह घटना पारिवारिक मतभेद, धार्मिक परंपरा और मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों को उजागर करती है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में एक दुखद घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया. यहां पत्नी से मामूली झगड़े के बाद एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. मामला उस समय बिगड़ा जब पत्नी ने पति के कहने पर अंडा करी बनाने से इनकार कर दिया. पुलिस के अनुसार, यह इनकार पति को इतना नागवार गुजरा कि उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया.

अंडा करी को लेकर विवाद

जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान 40 वर्षीय टिकूराम सेन के रूप में हुई है. टिकूराम बाजार से अंडे खरीदकर लाए और पत्नी से अंडा करी बनाने की मांग की. लेकिन पत्नी ने स्पष्ट कहा कि वह खाना नहीं बना सकती क्योंकि वह उस दिन व्रत पर थीं. इससे नाराज होकर टिकूराम घर से बाहर निकल गए और कुछ देर बाद उनका शव घर के पास एक पेड़ से लटका हुआ मिला.

करु भात त्यौहार की परंपरा

पुलिस जांच में सामने आया कि पत्नी ने करु भात त्यौहार के कारण अंडा करी बनाने से मना किया था. छत्तीसगढ़ में यह त्यौहार तीज से एक दिन पहले मनाया जाता है. इस परंपरा में विवाहित महिलाएं करेले से बने व्यंजन को अंतिम भोजन के रूप में ग्रहण करती हैं और अगले दिन तीज के उपवास की शुरुआत होती है. इसलिए पत्नी ने नियमों का पालन करते हुए पति की मांग पूरी करने से इनकार किया.

परंपरा का टकराव

यह घटना सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर सोचने को मजबूर करती है कि कैसे छोटे-छोटे विवाद कभी-कभी बड़ा रूप ले लेते हैं. जहां पत्नी धार्मिक परंपरा निभाना चाहती थी, वहीं पति अपने स्वाद और मांग को लेकर अड़ा रहा. परिणामस्वरूप दोनों के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि यह त्रासदी घटित हो गई.

पुलिस की जांच जारी

स्थानीय पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आत्महत्या के पीछे कोई अन्य कारण भी थे या नहीं. हालांकि प्रारंभिक जांच से यही संकेत मिला है कि झगड़े के बाद आक्रोश में आकर टिकूराम ने यह कदम उठाया.

मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल

यह घटना एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और संवाद की कमी पर सवाल खड़े करती है. परिवारिक जीवन में आए छोटे मतभेदों को यदि शांत मन और समझदारी से हल किया जाए, तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना और परामर्श सेवाओं को सुलभ बनाना आज की आवश्यकता है.

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26 August 2025, 10:45 PM IST

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