score Card

भारत-चीन संबंधों पर बातचीत, डोभाल बोले- आतंकवाद के हर रूप से लड़ना होगा

बीजिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. बैठक में आतंकवाद से मिलकर मुकाबला करने और भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया गया. डोभाल ने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए आतंकवाद के हर रूप का विरोध जरूरी बताया.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

बीजिंग में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच एक अहम मुलाकात हुई. इस बैठक में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग से लेकर भारत-चीन संबंधों को दोबारा पटरी पर लाने तक कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई.

इस बातचीत के दौरान अजीत डोभाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हर प्रकार के आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करना जरूरी है. यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था. डोभाल ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाए बिना क्षेत्र में भरोसा कायम नहीं किया जा सकता.

द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा और सुधार की कोशिश

भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद के बाद रिश्तों में तनाव बढ़ा था. लेकिन अब दोनों देश एक बार फिर से संबंधों में सुधार की कोशिश कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, डोभाल और वांग यी ने द्विपक्षीय संबंधों के हालिया घटनाक्रम की समीक्षा की और आपसी संपर्क व सहयोग को बढ़ाने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई. बैठक का फोकस सीमा पर शांति बहाली और जन स्तर पर रिश्ते मजबूत करने पर रहा.

सीमा विवाद का समाधान बैठक का बड़ा उद्देश्य

चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि चीन भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करना चाहता है. दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमतियों को लागू करने के लिए चीन तैयार है. भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि अप्रैल 2020 की पूर्व स्थिति बहाल करना ही किसी भी स्थायी समाधान की दिशा में पहला कदम होगा.

कूटनीतिक स्तर पर संवाद जारी रखने पर सहमति

इस बैठक को दोनों देशों के बीच संवाद बहाली और विश्वास निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है. इससे पहले दिसंबर 2024 में भी दोनों नेताओं के बीच बीजिंग में बातचीत हुई थी. वहीं, विदेश सचिव स्तर की कई दौर की वार्ताएं भी हो चुकी हैं. अब SCO सम्मेलन की यह बैठक इस दिशा में एक और कड़ी जोड़ती है.

तनाव से सहयोग की ओर बढ़ता कदम

भारत और चीन के बीच बीते कुछ वर्षों में संबंधों में खटास रही है, लेकिन अब दोनों देशों ने एक बार फिर संवाद और सहयोग का रास्ता चुना है. आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख और सीमा पर शांति बहाली की प्रतिबद्धता से यह साफ है कि दोनों देश आगे बढ़ने के इच्छुक हैं—बशर्ते विश्वास और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जाए.

calender
24 June 2025, 09:35 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag