लोकपाल ने 7 लग्जरी BMW कारों की खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है, हर गाड़ी की कीमत 70 लाख
Lokpal BMW Tender: लोकपाल ऑफ इंडिया ने दिल्ली के वसंत कुंज कार्यालय के लिए सात शानदार BMW 3 Series 330 Li कारें खरीदने का टेंडर निकाला है, जिनकी कुल कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है. इसकी कमान संभाल रहे हैं चेयरपर्सन प्रदीप कुमार मोहंती.

Lokpal BMW Tender: देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे मजबूत कवच माने जाने वाले लोकपाल ऑफ इंडिया ने अब अपनी सवारी को भी उतना ही भव्य बनाने का फैसला किया है. दिल्ली के वसंत कुंज स्थित अपने ऑफिस के लिए लोकपाल ने सात लग्जरी BMW 3 Series 330 Li कारें खरीदने का टेंडर जारी किया है, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है. यह कदम न केवल चर्चा का विषय बन रहा है बल्कि यह भी सवाल उठा रहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ऐसी आलीशान गाड़ियों की क्या जरूरत है.मीडिया को मिले खबरों के अनुसार यह टेंडर 16 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया. इन दस्तावेजों में साफ लिखा है कि लोकपाल ऑफ इंडिया प्रतिष्ठित एजेंसियों से सात BMW 3 सीरीज़ 330 Li कारों की आपूर्ति के लिए ओपन टेंडर आमंत्रित करता है. गाड़ियों का मॉडल स्पोर्ट (लॉन्ग व्हीलबेस) और रंग सफेद निर्धारित किया गया है. तो आइए जानते हैं इस टेंडर और इन कारों की खासियतों के बारे में विस्तार से.
5 करोड़ की लागत, सात BMW कारें
लोकपाल ने सात BMW 3 Series 330 Li कारों की खरीद के लिए टेंडर निकाला है, जिनमें से प्रत्येक की ऑन-रोड कीमत लगभग 70 लाख रुपये है. कुल मिलाकर इन गाड़ियों की लागत 4.9 से 5 करोड़ रुपये के बीच बैठती है. ये कारें न केवल अपनी शानदार डिजाइन और परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती हैं, बल्कि इन्हें लक्जरी और कम्फर्ट का प्रतीक भी माना जाता है.
BMW 3 Series LWB की खासियत
BMW की ऑफिसियल के अनुसार, 3 Series लॉन्ग व्हीलबेस (LWB) मॉडल इस साल की शुरुआत में भारत में लॉन्च हुआ था. यह अपनी श्रेणी की सबसे लंबी सेडान है जो पीछे की सीट पर बैठने वालों के लिए सबसे ज्यादा जगह देती है. कंपनी इसे लक्जरी और कम्फर्ट का परफेक्ट कॉम्बिनेशन बताती है. इस कार में 2.0 लीटर का पेट्रोल इंजन है, जो 258 bhp की पावर और 400 Nm टॉर्क देता है. यह गाड़ी मात्र 6.2 सेकंड में 0 से 100 km/hr की रफ्तार पकड़ लेती है. इसके अलावा, इसमें 12.3 इंच का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, 14.9 इंच का इंफोटेनमेंट सिस्टम, पैनोरमिक सनरूफ, अम्बियंट लाइटिंग, और थ्री-जोन क्लाइमेट कंट्रोल जैसी सुविधाएं इसे और भी खास बनाती हैं.
30 दिनों में डिलीवरी का लक्ष्य
टेंडर डॉक्यूमेंट में साफ निर्देश है कि ये गाड़ियां दिल्ली के वसंत कुंज इंस्टीट्यूशनल एरिया स्थित लोकपाल ऑफिस में अधिकतम 30 दिनों के भीतर डिलीवर होनी चाहिए. इतना ही नहीं, लोकपाल ने यह भी कहा है कि अगर डिलीवरी दो हफ्तों में हो जाए तो और बेहतर होगा. यानी, जल्द ही लोकपाल के कार्यालय की पार्किंग में इन लग्जरी गाड़ियों की चमक देखने को मिल सकती है.
ड्राइवरों के लिए खास ट्रेनिंग
लोकपाल ने केवल गाड़ियां खरीदने तक बात सीमित नहीं रखी है. टेंडर में यह भी शर्त है कि चुनी गई एजेंसी को ड्राइवरों और संबंधित कर्मचारियों के लिए सात दिनों का प्रशिक्षण आयोजित करना होगा. इस प्रशिक्षण में BMW गाड़ियों के सुरक्षित और सही से चलाने को सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक और सैद्धांतिक दोनों तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी. यह प्रशिक्षण गाड़ियों की डिलीवरी के 15 दिनों के भीतर पूरा करना होगा, और इसकी तारीखें लोकपाल कार्यालय के साथ मिलकर तय की जाएंगी.
लोकपाल का मिशन और नेतृत्व
लोकपाल ऑफ इंडिया का गठन लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों, जैसे प्रधानमंत्री, सांसदों, और शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना और कार्रवाई करना है. वर्तमान में लोकपाल की कमान जस्टिस (सेवानिवृत्त) प्रदीप कुमार मोहंती के हाथों में है.उनके नेतृत्व में सात सदस्य कार्यरत हैं, जिनमें चार न्यायिक और तीन गैर-न्यायिक सदस्य शामिल हैं. लोकपाल चेयरपर्सन को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समान वेतन और सुविधाएं मिलती हैं, जबकि अन्य सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर सुविधाएं दी जाती हैं.
क्या है इस टेंडर का मकसद?
लोकपाल का यह कदम निश्चित रूप से सुर्खियां बटोर रहा है. एक ओर जहां यह संस्था भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए जानी जाती है, वहीं इतनी महंगी गाड़ियों की खरीद को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं. क्या ये गाड़ियां कार्यालय की कार्यक्षमता बढ़ाएंगी या यह केवल एक शानदार कदम है? यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस टेंडर को लेकर जनता की क्या प्रतिक्रिया रहती है.


