अभी नहीं थम रहा बारिश का दौर...दिल्ली-एनसीआर में आंधी-तूफान का अलर्ट, पंजाब-हिमाचल में होगी बरसात
भारत में मानसून का असर जारी है, जिससे पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली बुरी तरह प्रभावित हैं. पंजाब में फसलें बर्बाद और गांव जलमग्न हुए, हिमाचल में बादल फटने व भूस्खलन से 366 मौतें और 4,080 करोड़ का नुकसान हुआ, जम्मू-कश्मीर में घर खतरे में हैं, दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटा, जबकि पूर्वोत्तर में भारी बारिश का अलर्ट जारी है.

Monsoon: भारत के कई राज्यों में मानसून का असर अब भी जारी है. पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और उससे पैदा हुई आपदाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. कुछ क्षेत्रों में पानी कम हुआ है, लेकिन तबाही के निशान अभी भी मौजूद हैं. मौसम विभाग लगातार अलर्ट जारी कर रहा है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
किसानों की परेशानी
पंजाब इस बार मानसून से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. सतलुज, व्यास और रावी जैसी नदियाँ उफान पर रही, जिससे सैकड़ों गाँव जलमग्न हो गए. खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. रविवार को अमृतसर में 3.7 मिमी, लुधियाना में 2.4 मिमी और पटियाला में 9.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. वहीं, हरियाणा के कई जिलों में भी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ.
हिमाचल में भूस्खलन और सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में 20 जून से अब तक भारी बारिश के कारण बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से लगभग 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. यहाँ 366 लोगों की मौत हो चुकी है और वर्तमान में 826 सड़कें बंद हैं. इनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग—एनएच-3 और एनएच-305 भी शामिल हैं. कुल्लू, मंडी और शिमला क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इसके अलावा, हजारों बिजली ट्रांसफार्मर और जल योजनाएँ भी बंद पड़ी हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों का जीवन मुश्किल में है.
जम्मू-कश्मीर: भूस्खलन से घर खतरे में
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं. कई पंचायतें पानी और बिजली आपूर्ति से कट चुकी हैं. नॉर्थ ब्लॉक खेड़ी पंचायत में भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाओं ने लगभग 200 घरों को खतरे में डाल दिया है. इनमें से 20 घर पूरी तरह से धंसने की कगार पर हैं. स्थानीय लोग अपनी पूरी जिंदगी की कमाई खोने के डर से परेशान हैं. राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन लगातार जुटा हुआ है. प्रधानमंत्री का जल्द ही दौरा प्रस्तावित है, जिससे राहत कार्यों की गति तेज होने की उम्मीद है.
दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटा
दिल्ली में लगातार बारिश से यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था. हालांकि, अब इसमें कमी आ रही है. रविवार रात को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर तक पहुंच गया था, लेकिन फिलहाल यह कम होकर सुरक्षित स्तर पर आ गया है. चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है और जैसे ही नदी का जलस्तर 206 मीटर को पार करता है, प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शुरू कर देता है.
पूर्वोत्तर राज्यों में चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में पूरे सप्ताह भारी बारिश और आंधी-तूफान का अनुमान जताया है. इससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा और बढ़ सकता है.


