लाल किले में छिपे खजाने की सच्चाई, क्या है असली कहानी?

दिल्ली का लाल किला ऐतिहासिक महत्व रखता है, लेकिन इसमें छिपे खजाने की अफवाहें केवल किवदंतियों का हिस्सा हैं. सरकारी जांचों और खुदाई में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि किले में खजाना छिपा हुआ है, इसलिए यह सिर्फ अफवाहें ही हैं.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला न केवल अपनी वास्तुकला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक खजाने के रहस्य के लिए भी चर्चा में रहा है. कई सालों से ऐसी अफवाहें उड़ी रही हैं कि लाल किले के भीतर एक खजाना छिपा है, जिसमें बहुमूल्य गहने, सोने-चांदी के सिक्के, और अन्य अनमोल वस्तुएं हैं. यह अफवाहें विशेष रूप से ब्रिटिश शासन के दौरान प्रसार में आईं, जब यह कहा गया कि मुगलों ने किले के भीतर कोई बड़ा खजाना छिपा रखा था.

कहा जाता है कि मुगलों के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर के शासन काल के दौरान, किले में किसी समय खजाना रखा गया था. जब ब्रिटिश सेना ने 1857 में दिल्ली को घेर लिया, तो बहादुर शाह जफर को किले से निकाल दिया गया और बाद में वह अंग्रेजों के कब्जे में आ गया. इसके बाद से ही यह अफवाहें फैलीं कि किले के किसी कोने में खजाना छिपा हुआ है.

आधिकारिक जांच और निष्कर्ष

हालांकि, अब तक किसी भी आधिकारिक जांच में लाल किले में खजाने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और अन्य सरकारी एजेंसियों ने कई बार किले की खुदाई की है, लेकिन खजाने का कोई सुराग नहीं मिला. विशेषज्ञों का मानना है कि ये सभी अफवाहें केवल ऐतिहासिक गाथाओं और किवदंतियों का हिस्सा हैं, जो समय के साथ फैल गईं.

क्या अब भी खजाना छिपा हो सकता है?

आज भी, कुछ लोग यह मानते हैं कि लाल किले में छिपा खजाना हो सकता है, लेकिन इस पर कोई ठोस साक्ष्य नहीं हैं. यह संभावना कम ही है कि किले में अब भी कोई खजाना छिपा हो, क्योंकि किले में कई बार सरकारी जांच हो चुकी है और कोई महत्वपूर्ण सामग्री नहीं मिली है.

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24 March 2025, 07:27 PM IST

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