पागल हो गए हैं ट्रंप...मोदी ने अमेरिका को गले लगाया, लेकिन उसने पीठ में छुरा घोंपा, चंद्रशेखर आजाद का तीखा हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले पर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कड़ी आलोचना की. उन्होंने ट्रंप को 'पागल' बताया और कहा कि वह भारत के दोस्त नहीं हैं. आजाद ने अमेरिका के पाकिस्तान समर्थन और भारत सरकार के अपमान पर भी आपत्ति जताई और निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश की आजाद समाज पार्टी के नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने ट्रंप पर कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वह "पागल हो गए हैं" और किसी भी हालत में भारत के दोस्त नहीं माने जा सकते.
ट्रंप पर चंद्रशेखर आजाद का आरोप
चंद्रशेखर आजाद ने साफ शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन ट्रंप ने बार-बार भारत का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने कई बार भारत के साथ धोखा किया है और पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है. आजाद ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रंप ने ऑपरेशन सिंधूर के दौरान युद्धविराम में मध्यस्थता करके भारत सरकार को नीचा दिखाने की कोशिश की.
अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति रवैया
चंद्रशेखर ने कहा कि ट्रंप पाकिस्तान पर ज्यादा प्यार बरसाते हैं और उसकी आर्थिक मदद कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका पाकिस्तान को हीरो बताता है जबकि भारत को बार-बार निशाना बनाता है. उन्होंने कहा कि ट्रंप की भाषा अपमानजनक है और उन्हें भारत की सरकार के कामकाज पर कोई टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है.
सरकार को लाना चाहिए निंदा प्रस्ताव
नगीना सांसद ने आगे कहा कि ट्रंप अपनी नीतियों और बयानों से बाज नहीं आ रहे हैं और बार-बार भारत सरकार का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत सरकार को संसद में एक निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए और वे स्वयं इसका समर्थन करेंगे. चंद्रशेखर ने कहा कि भारत की आर्थिक नीतियां अलग हैं और वह समझ नहीं पाते कि हमारी सरकार किस तरह से देश की तरक्की के लिए काम कर रही है.
चंद्रशेखर आजाद का विरोध जारी
चंद्रशेखर आजाद की यह प्रतिक्रिया भारत-अमेरिका संबंधों में चल रही तनावपूर्ण स्थिति को और उभारती है. ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के बाद दोनों देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक मुद्दे बढ़ गए हैं. ऐसे में सांसद का यह बयान सरकार के लिए भी एक चेतावनी है कि वे अमेरिका की नीतियों के प्रति सख्त रुख अपनाएं.


