'मोदी के राष्ट्रवाद' की प्रयोगशाला बन गया उत्तराखंड, ब्रिटिश अखबार ने किया दावा

ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है. जिसमें दावा किया गया है कि भारत का राज्य उत्तराखंड मोदी के राष्ट्रवाद की प्रयोगशाला बन गया है.

JBT Desk
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हाल ही में ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' ने भारत सरकार को लेकर एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट पब्लिश की थी. रिपोर्ट में अखबार ने दावा किया था भारत अपने एजेंटों के जरिए पाकिस्तान में अब तक करीब 20 लोगों की हत्या कर चुका है. रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद हंगामा मच गया और भारत सरकार ने सामने आकर दावों को खारिज कर दिया. अभी यह मुद्दा शांत नहीं हुआ था कि 'द गार्जियन' ने और मसला खड़ा कर दिया है. दरअसल अखराब ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि मोदी सरकार ने उत्तराखंड को 'मोदी के राष्ट्रवाद' के लिए एक परीक्षण स्थल यानी टेस्टिंग ग्राउंड बना दिया है. 

उत्तराखंड भारत का एक ऐसा राज्य है जिसे 'देवों की भूमि' कहा जाता है. हिमालय तक फैले हुए इस राज्य में हजारों हिंदू-मंदिरों और कुछ बड़े तीर्थ स्थलों भी मौजूद हैं. अखबार ने सरकार पर राजनीति के लिए उत्तराखंड को हथियार बनाने और चरम दक्षिणपंथी नीतियों के लिए "प्रयोगशाला" बनाने का आरोप लगाया गया है. अखबार ने कहा कि पिछले एक दशक में जैसे-जैसे भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है, ठीक वैसे ही सरकार ने हिंदुत्व यानी हिंदू फर्स्ट की नीतियों को भी आगे बढ़ाया है. 

अखबार ने कहा कि हिंदू फर्स्ट की नीति को बढ़ावा देने के चक्कर में अल्पसंख्यकों के हक और आजादी को तबाह कर दिया. खास तौर पर भारत में रहने वाले 200 मिलियन मुसलमानों के लिए हालात खराब हो गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अगर बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आती है तो वह अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर और आगे बढ़ेगी. 

'द गार्जियन' ने 2021 में उत्तराखंड में होने वाली 'धर्म संसद' का जिक्र करते हुए कहा कि पवित्र शहर हरिद्वार में कट्टर हिंदू समूहों की तरफ 'धर्म संसद' आयोजित की गई थी, जिसमें भाजपा के नेताओं ने भी हिस्सा लिया था. इस धर्म संसद में कुछ हिंदू नेताओं ने मुसलमानों खुले तौर पर धमकी दी थी. इन नेताओं ने इस सभा से हिंदुओं को सलाह दी थी कि वो "मरने और मारने के लिए तैयार रहें". हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद देश में गुस्सा पनपने लगा. जिसके बाद कई को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि वे सभी जल्द ही जमानत पर रिहा हो गए.

इतना ही नहीं यह भी कहा गया था कि जिस तरह मुसलमानों के लिए मक्का और मक्का मदीना है. ठीक उसी तरह उत्तराखंड में भी सिर्फ हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अनुमति हो. यहां पर मुसलमानों को अपने धर्म का पालन करने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए. इतना ही नहीं धर्म संसद में हिस्सा लेने वाले उन्हीं पुजारियों ने कहा,"देवभूमि जिहादियों के कंट्रोल में आ गई है और किसी भी तरह से राज्य की रक्षा करने की बात कही गई थी."

हरिद्वार कार्यक्रम के पीछे रहने वाले एक संगठन देवभूमि रक्षा अभियान के अध्यक्ष स्वामी दर्शन भारती ने ऑब्जर्वर को बताया, "जिस तरह इस्लामी परंपरा के कारण मक्का और मदीना में केवल मुसलमानों को अनुमति है, उसी तरह हम भी मांग करते हैं कि यह भूमि खास तौर पर हिंदुओं के लिए हो."

स्वामी दर्शन भारती आगे कहते हैं कि मुसलमान यहां रह सकते हैं और आजाद रहकर काम कर सकते हैं लेकिन उन्हें हमारे धर्म का सम्मान करना चाहिए, वे अल्लाहु अकबर का जाप नहीं कर सकते. हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसके अलावा हलाल मांस को भी उत्तराखंड में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. भारती ने कहा, “भाजपा सरकार ने देवभूमि के लिए काफी काम किया है, उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य ने उनकी कई मांगों पर काम किया है.

2022 में, तथाकथित "लव जिहाद" का मुकाबला करने के लिए कानून पास किए गए. अखबार ने कहा कि एक निराधार साजिश यह बताती है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को शादी करने के लिए बरगला रहे थे और उन्हें जबरन इस्लाम धर्म कबूल करवा रहे थे. 

इसके अलावा "भूमि जिहाद" पर नकेल कसने के लिए मुसलमानों पर आरोप लगा कि वो मस्जिदें और जायदाद बनाने के लिए राज्य की जमीन चुरा रहे थे. राज्य ने मुसलमानों के पूजा स्थलों के खिलाफ विध्वंस मुहिम की शुरुआत कर दी. पिछले दो वर्षों में सैकड़ों मस्जिदों, कब्रों को तबाह कर दिया गया है. अखबार ने कहा कि दक्षिणपंथी हिंदू समूह और सोशल मीडिया से प्रभावित होने वाले भी धार्मिक स्थलों को मुस्लिम कब्रों को तोड़ रहे हैं.

हाल ही में, उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. जिसके बारे में लोगों को डर है कि इसका इस्तेमाल मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक आजादी को टार्गेट करने के लिए किया जाएगा. 

ब्रिटिश अखबार ने अपनी इस रिपोर्ट में कुछ और भी घटनाओं का जिक्र किया है. जैसे मुसलमानों के घर तोड़ने, दुकान खाली करने की धमकियां देने, लोगों को नमाज़ पढ़ने से रोकने जैसी खबरों का हवाला भी इस रिपोर्ट में दिया है. 

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15 April 2024, 01:55 PM IST

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