Vice President Election: BRS और BJD का उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से इंकार, जानिए क्यों लिया ये फैसला
उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले भारत राष्ट्र समिति (BRS) और बीजू जनता दल (BJD) ने मतदान से दूरी बनाने का ऐलान किया है. BRS ने यह कदम तेलंगाना में यूरिया की कमी से नाराज़ किसानों के समर्थन में उठाया, जबकि BJD ने भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए रखने की बात कही. यह निर्णय राष्ट्रीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों की स्वतंत्र भूमिका को दर्शाता है.

BRS and BJD Abstains VP Vote : आगामी 9 सितंबर को होने वाले भारत के उप-राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस बीच, दो प्रमुख क्षेत्रीय दलों भारत राष्ट्र समिति (BRS) और बीजू जनता दल (BJD) ने ऐलान किया है कि वे इस चुनाव से अलग रहेंगे और मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे. इस निर्णय ने राष्ट्रीय राजनीति में एक नया संकेत दे दिया है कि क्षेत्रीय पार्टियां अब दोनों प्रमुख गठबंधनों एनडीए और इंडिया ब्लॉक से दूरी बनाए रखने के प्रयास में हैं.
किसानों के समर्थन में BRS का बहिष्कार
यूरिया की भारी कमी से किसान परेशान
उन्होंने कहा कि राज्य में यूरिया की भारी कमी से किसान परेशान हैं और बीजेपी तथा कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस मुद्दे को सुलझाने में असफल रही हैं. केटीआर ने साफ शब्दों में कहा, "हम मतदान नहीं करेंगे. हम इस प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे."BRS के संसद में कुल चार सांसद हैं, और ऐसे में भले ही उनका वोट संख्या के लिहाज से निर्णायक न हो, पर राजनीतिक संदेश के लिहाज से यह निर्णय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
BJD ने भी बनाई ‘समान दूरी’ की नीति
BRS के ठीक कुछ घंटे बाद ही ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने भी मतदान से दूरी बनाने का ऐलान किया. BJD के सांसद सस्मित पात्रा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पार्टी ने यह फैसला बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए और कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन दोनों से समान दूरी बनाए रखने के लिए लिया है.
पार्टी से बात करने के बाद लिया फैसला
उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने वरिष्ठ नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति और सांसदों से चर्चा करने के बाद लिया है. यह साफ करता है कि BJD अपनी स्वतंत्र राजनीतिक स्थिति को बनाए रखना चाहती है और किसी भी राष्ट्रीय ध्रुवीकरण का हिस्सा नहीं बनना चाहती.
BRS और BJD ने दोनों को समर्थन देने से किया इनकार
यह चुनाव जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद आवश्यक हो गया है. एनडीए ने इस पद के लिए सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन ने बुचिरेड्डी सुधर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है. दोनों उम्मीदवारों की राजनीतिक पृष्ठभूमि और विचारधारा एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं, लेकिन BRS और BJD ने दोनों में से किसी का भी समर्थन न करते हुए राजनीतिक संतुलन का रास्ता अपनाया है.
बढ़ती क्षेत्रीय दलों की स्वतंत्रता
इन दोनों पार्टियों के फैसले से यह संकेत मिलता है कि क्षेत्रीय दल अब राष्ट्रीय राजनीति में स्वतंत्र भूमिका निभाने को तैयार हैं. जहां एक ओर BRS अपने राज्य के किसानों के मुद्दे को प्राथमिकता दे रही है, वहीं BJD राज्य के हितों को ध्यान में रखते हुए किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन से दूरी बनाकर राजनीतिक तटस्थता बनाए रखना चाहती है.
इन घटनाओं से यह साफ है कि आने वाले समय में उप-राष्ट्रपति चुनाव भले ही प्रतीकात्मक हो, लेकिन यह 2024 के आम चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरणों में बड़े बदलावों का संकेत हो सकता है.


