विदेश सचिव विक्रम मिसरी का बड़ा खुलासा, पाकिस्तान ने TRF पर पहलगाम हमले के दावे को वापस लेने के लिए बनाया था दबाव

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसद में सांसदों को पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक स्थिति पर जानकारी दी.

भारत की संसद में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कई राजनीतिक दलों के सांसदों को पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद के अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. ये ब्रीफिंग संसद भवन में आयोजित की गई थी, जिसमें सांसदों को 35 देशों में होने वाली यात्रा के लिए तैयार किया गया था. जिसमें वे भारत की स्थिति और पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी समूहों को शरण देने के मुद्दे पर दुनिया से समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे.

विदेश मंत्रालय की ओर से ये ब्रीफिंग सांसदों को उनके आगामी कूटनीतिक मिशन के लिए पूरी तैयारी के साथ भेजने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी. सांसदों को ये बताया गया कि पाकिस्तान ने आतंकवादी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) द्वारा पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद दबाव के कारण बयान वापस लिया था और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान ने इस आतंकवादी समूह का नाम हटाने की कोशिश की थी.

पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों का खुलासा

विदेश सचिव मिस्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी पर भी स्पष्टता दी. उन्होंने कहा कि ये पाकिस्तान था, ना कि भारत, जिसने इस मुद्दे पर अमेरिका से बात की थी. मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान ने अमेरिका से ऐसी तकनीकी मंजूरी प्राप्त की थी, जिसके तहत अबू धाबी में दुनिया के सबसे बड़े AI कैंपस के लिए अमेरिकी चिप्स की आपूर्ति शुरू हुई.

सांसदों की यात्रा का एजेंडा

ब्रीफिंग के बाद, शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि कल हमारी टीम यूएई और पश्चिमी अफ्रीका के लिए रवाना होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 7 प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में जाएंगे और हमारे देश की स्थिति को स्पष्ट करेंगे. विदेश मंत्रालय ने हमें देशवार ब्रीफिंग दी है और पिछले आतंकवादी हमलों के बारे में जानकारी दी. ये ब्रीफिंग हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी. उन्होंने ये भी कहा कि वे दुनिया को बताने जा रहे हैं कि पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ भारत सालों से किस प्रकार संघर्ष कर रहा है.

सलमान खुर्शिद ने की पाकिस्तान के दावे की निंदा

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शिद ने इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते में किसी की मध्यस्थता नहीं थी. जब ये मामला बढ़ा, तो ये सिर्फ हमारे दो देशों के बीच था. हमने पाकिस्तान के DGMO से बातचीत की और जब दोनों देश तैयार हुए, तब मामले को सुलझाया गया. सलमान खुर्शिद ने ये भी कहा कि विदेश नीति में जो बात करनी होती है, वो अलग होती है, लेकिन घरेलू राजनीति अलग होती है.

ब्रीफिंग में शामिल सांसद

इस ब्रीफिंग में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शिद, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे, भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज, राजीव रंजन सिंह, एसएस अहलूवालिया, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, भाजपा के अपराजिता सारंगी, सम्बित पात्रा, द्रविड़ मुनेत्र कज़गम (DMK) की कनीमोजी और जेडीयू के संजय झा जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए.

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20 May 2025, 06:24 PM IST

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