पंजाब, बंगाल, गुजरात और केरल में विधानसभा उपचुनाव आज, किसके हिस्से आएगी जीत?
Assembly Bypolls 2025: चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान आज, 19 जून को सुबह 7 बजे से शुरू हो गया. पंजाब, पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल में हो रहे ये उपचुनाव भले ही संख्या में सीमित हों, लेकिन राजनीतिक तौर पर इनका महत्व काफी बड़ा है.

Assembly Bypolls 2025: पंजाब, पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल की पांच विधानसभा सीटों पर आज, 19 जून को उपचुनाव के लिए मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो गया है. सीटों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन इन उपचुनावों के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति में गठबंधनों की मजबूती और अंदरूनी खींचतान को दर्शाएंगे. NDA और विपक्षी INDIA गठबंधन दोनों के लिए यह चुनावी परीक्षा किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं मानी जा रही है.
इन उपचुनावों में स्थानीय स्तर की साख की लड़ाई के साथ-साथ राजनीतिक दलों की रणनीति, गठबंधन की एकजुटता और आने वाले विधानसभा चुनावों की रूपरेखा भी तैयार होगी. आइए चारों राज्यों में होने वाले इन खास मुकाबलों पर एक नजर डालते हैं.
पंजाब
लुधियाना (पश्चिम) सीट पर यह उपचुनाव आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी के निधन के कारण हो रहा है. पार्टी ने इस शहरी सीट को बरकरार रखने के लिए राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को मैदान में उतारा है. उनके मुकाबले में कांग्रेस से भरत भूषण आशु, भाजपा से जीवन गुप्ता और शिअद से परुपकार सिंह घुम्मन चुनाव लड़ रहे हैं.
यह मुकाबला न सिर्फ सीट के लिए, बल्कि राज्यसभा में संभावित बदलावों के लिए भी अहम माना जा रहा है. अगर अरोड़ा जीतते हैं तो AAP के पास पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल या पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राज्यसभा भेजने का मौका हो सकता है, हालांकि पार्टी ने इन अटकलों को खारिज किया है.
चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल और आतिशी ने AAP के लिए प्रचार किया, जबकि भाजपा ने दिल्ली की मेयर रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मैदान में उतारा. 2024 लोकसभा चुनावों में साथ लड़ने वाली कांग्रेस और AAP यहां आमने-सामने हैं.
पश्चिम बंगाल
कलिगंज सीट पर यह उपचुनाव तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक नसीरुद्दीन अहमद के निधन के बाद हो रहा है. TMC ने उनकी बेटी अलिफा अहमद को उम्मीदवार बनाया है, जिससे महिला और अल्पसंख्यक वोटों पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश की गई है. भाजपा ने जमीनी कार्यकर्ता आशीष घोष को उतारा है, जबकि कांग्रेस-वाम गठबंधन की ओर से काबिल उद्दीन शेख मैदान में हैं.
2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह उपचुनाव सत्तारूढ़ TMC के लिए काफी अहम माना जा रहा है. शिक्षक भर्ती घोटाले जैसे विवादों के बीच ममता बनर्जी की पार्टी इस सीट को बनाए रखने के लिए पूरा दमखम लगा रही है. वहीं कांग्रेस-वाम गठबंधन अपने ग्रामीण आधार को फिर से खड़ा करने की उम्मीद कर रहा है.
गुजरात
गुजरात की कड़ी और विसावदर सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. कड़ी सीट भाजपा विधायक कर्सनभाई सोलंकी के निधन से खाली हुई थी. यहां भाजपा ने राजेंद्र चावड़ा, कांग्रेस ने रमेश चावड़ा और AAP ने जगदीश चावड़ा को मैदान में उतारा है. यह सीट दलित मतदाताओं के रुझान को दर्शाने वाली मानी जा रही है.
विसावदर सीट AAP विधायक भूपेंद्रभाई भायाणी के इस्तीफे और भाजपा में शामिल होने के कारण खाली हुई थी. भाजपा ने किरीट पटेल, कांग्रेस ने नितिन रनपरिया और AAP ने गोपाल इटालिया को उम्मीदवार बनाया है. यहां दल-बदल, स्थानीय समीकरण और उम्मीदवारों की छवि बड़ी भूमिका निभा सकती है.
केरल
केरल की नीलाम्बूर सीट पर उपचुनाव आगामी विधानसभा चुनाव से पहले हो रहा है. यह सीट पी. वी. अनवर के इस्तीफे से खाली हुई थी, जो पहले वामपंथी समर्थन से विधायक बने थे लेकिन बाद में कांग्रेस के साथ आ गए और अब निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.
कांग्रेस ने पूर्व विधायक आर्यादन मोहम्मद के बेटे आर्यादन शौकथ को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सत्तारूढ़ LDF ने एम. स्वराज को मैदान में उतारा है. अनवर की उम्मीदवारी, जो शुरुआत में TMC के समर्थन से बताई जा रही थी, ने मुकाबले को रोचक बना दिया है. नीलाम्बूर, वायनाड लोकसभा क्षेत्र में आता है, जहां से अब प्रियंका गांधी वाड्रा सांसद हैं, ऐसे में यह सीट दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है.
इन पांचों विधानसभा सीटों पर पड़े वोटों की गिनती 23 जून को की जाएगी.


