ट्रंप ने दी ईरान पर हमले की निजी मंज़ूरी, अंतिम आदेश अभी बाकी: रिपोर्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना को मंजूरी दी है, लेकिन परमाणु कार्यक्रम पर ईरान की प्रतिक्रिया के इंतजार में अंतिम आदेश रोक दिया है. इस बीच, सैन्य तैयारियां तेज़ हो चुकी हैं. अब तक ईरान में 450 और इज़रायल में 24 लोगों की मौत हो चुकी है.

ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी एक बार फिर चरम पर है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शीर्ष सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक में ईरान पर संभावित हमले की योजना को हरी झंडी दी है, लेकिन अंतिम निर्णय अभी टाला गया है. ट्रंप की मंशा है कि ईरान पहले यह स्पष्ट करे कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह त्यागने के लिए तैयार है या नहीं.
संभावित हमले का केंद्र ईरान का फोर्डो संवर्धन संयंत्र हो सकता है, जिसे पहाड़ों के नीचे बेहद गहराई में बनाया गया है. सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की संरचना को नष्ट करना आसान नहीं है और इसके लिए अमेरिका को अपने सबसे शक्तिशाली बमों का इस्तेमाल करना होगा.
'युद्धविराम नहीं, जीत चाहिए'
ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम युद्धविराम की उम्मीद नहीं कर रहे, हमें जीत चाहिए.” उनके मुताबिक ‘जीत’ का मतलब है – ईरान के पास कोई भी परमाणु हथियार न हो. ट्रंप ने आगे कहा कि “मैं हमला कर सकता हूं, या नहीं भी कर सकता. लेकिन अगला हफ्ता बहुत अहम होगा.” उनकी इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि अमेरिका अभी भी सैन्य विकल्प खुले रखे हुए है.
खामेनेई की चेतावनी: आत्मसमर्पण नहीं करेंगे
दूसरी तरफ, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका की किसी भी सैन्य कार्रवाई को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. उन्होंने दोहराया कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा और परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा.
अमेरिका का सैन्य जमावड़ा
मध्य पूर्व में अमेरिकी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने पूर्वी भूमध्य सागर में तीसरा विध्वंसक भेजा है और एक विमानवाहक पोत अरब सागर की ओर बढ़ रहा है. पेंटागन का दावा है कि यह ‘रक्षात्मक कदम’ है, लेकिन इससे इज़रायल के साथ मिलकर हमले की संभावना भी बनती दिख रही है.
जमीन पर तबाही का मंजर
मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के हमलों में ईरान में अब तक 450 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि इज़रायल में ईरानी हमलों से 24 लोगों की जान गई है. दोनों देशों में तनाव का स्तर इस समय बेहद खतरनाक मोड़ पर है.
युद्ध की उलटी गिनती शुरू?
हालात को देखकर साफ है कि ईरान और अमेरिका के बीच किसी भी क्षण सैन्य टकराव शुरू हो सकता है. ट्रंप की रणनीतिक चुप्पी और ईरान की सख्त चेतावनी इस बात के संकेत हैं कि अगर राजनयिक समाधान न निकला, तो एक और विनाशकारी युद्ध की पटकथा तैयार हो चुकी है.


