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पाकिस्तान पर जल संकट, भारत में जल आपूर्ति पर लगाई रोक, चेनाब नदी के बगलीहार डेम का पानी बंद

भारत ने पाकिस्तान से अपनी जल आपूर्ति को पूरी तरह से रोकने का अहम कदम उठाया है. भारत ने चेनाब नदी पर स्थित बगलीहार डेम से पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति बंद कर दी है, साथ ही किशनगंगा जल विद्युत परियोजना से भी जल आपूर्ति में कटौती करने की योजना बनाई है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत ने पाकिस्तान से अपनी जल आपूर्ति को पूरी तरह से रोकने का एक निर्णायक कदम उठाया है, जब उसने चेनाब नदी पर स्थित बगलीहार डेम से पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति बंद कर दी. इस कदम के बाद पाकिस्तान की ओर से जारी एक बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के कुछ घंटे बाद भारत ने यह कार्रवाई की. भारत ने अब तक यह सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया है कि सिंधु नदी से एक भी बूंद पाकिस्तान को नहीं दी जाएगी, इस आशय से जल आपूर्ति को और भी कम किया जाएगा.

भारत के इस कदम से यह साफ हो गया है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ पानी का इस्तेमाल राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव बनाने के लिए कर रहा है. इसके साथ ही भारत ने कश्मीर में जारी आतंकवादी हमलों और क्षेत्रीय विवादों के कारण जल आपूर्ति को लेकर अपने अधिकारों का पूरी तरह से प्रयोग करने का मन बना लिया है.

बगलीहार डेम से पानी की आपूर्ति बंद

भारत ने बगलीहार जल विद्युत परियोजना के द्वार को बंद कर दिया है. यह कदम शनिवार को उठाया गया जब बगलीहार जलाशय को फिर से भरने के लिए सिल्टिंग की प्रक्रिया शुरू की गई. इस प्रक्रिया के तहत जलाशय को साफ किया गया और अब इसमें पानी की आपूर्ति को रोक दिया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमने बगलीहार जल विद्युत परियोजना के गेट बंद कर दिए हैं और जलाशय को फिर से भरने का काम शुरू कर दिया है. यह प्रक्रिया शनिवार को शुरू की गई थी."

किशनगंगा परियोजना पर भी काम शुरु

भारत ने किशनगंगा जल विद्युत परियोजना पर भी बड़े स्तर पर मरम्मत कार्य करने की योजना बनाई है. इस परियोजना से भी जल आपूर्ति को पूरी तरह से रोक दिया जाएगा. यह परियोजना जम्मू और कश्मीर के गिरेज घाटी में स्थित है और इस पर भी पाकिस्तान की आपत्तियाँ पहले ही आ चुकी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने इन दोनों परियोजनाओं के डिज़ाइन पर आपत्ति जताई है.

सिंधु जल समझौते का निलंबन

भारत ने पाकिस्तान के साथ 60 साल पुरानी सिंधु जल समझौते (IWT) को निलंबित कर दिया है. यह कदम 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में कई पर्यटकों की हत्या के बाद उठाया गया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "चूंकि भारत ने IWT को निलंबित कर दिया है, हम अब अपने नदी जल का इस्तेमाल अपने नागरिकों के लाभ के लिए कर रहे हैं."

जल आपूर्ति में वृद्धि के लिए योजना

जल शक्ति मंत्रालय ने शनिवार को गृह मंत्रालय को जल आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई उपायों पर चर्चा की. यह योजना उत्तर भारत में सिंधु नदी प्रणाली से जल आपूर्ति को बढ़ाने के लिए बनाई गई है. "हम पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी सजा देने के लिए तैयार हैं और NHPC के लगभग 50 इंजीनियर पहले से ही जम्मू और कश्मीर में ऑपरेशन्स की निगरानी कर रहे हैं," एक अधिकारी ने बताया.

चेनाब नदी पर चल रहे बड़े जल विद्युत परियोजनाएँ

भारत ने चेनाब नदी और उसकी सहायक नदियों पर चार बड़े जल विद्युत परियोजनाओं की शुरुआत की है, जो 2027-28 में पूरी होने की संभावना है. ये परियोजनाएँ – पकल दल (1,000 MW), किरू (624 MW), क्वर (540 MW), और रतले (850 MW) – NHPC और जम्मू और कश्मीर राज्य पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (JKSPDC) के सहयोग से चल रही हैं. इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 3,014 MW है और इनसे 10,541 मिलियन यूनिट (MU) बिजली सालाना उत्पादन की संभावना है.

रतले परियोजना पर कार्य तेजी से जारी

रतले जल विद्युत परियोजना पर काम तेजी से बढ़ रहा है और 2028 तक इसे पूरा किया जाएगा. परियोजना का कोफर डेम पहले से लगभग पूरा हो चुका है और इसके बाद शेष निर्माण कार्य शुरू होगा.

पाकिस्तान का विरोध

पाकिस्तान ने रतले और किशनगंगा परियोजनाओं को लेकर विरोध जताया है, उनका आरोप है कि इन परियोजनाओं के डिज़ाइन सिंधु जल समझौते का उल्लंघन करते हैं. हालांकि, भारत इन परियोजनाओं के जरिए अपने जल संसाधनों का पूरा उपयोग करना चाहता है, ताकि उसे पानी की कमी से न जूझना पड़े.

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05 May 2025, 02:05 PM IST

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