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क्यों गांधी और आंबेडकर संघ से थे प्रभावित...RSS की 100वीं वर्षगांठ पर पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने बताया

Ram Nath Kovind speech on Rss Century : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को 100 साल पूरे हो चुके है . 2 अक्टूबर यानी आज, विजयादशमी के शुभ अवसर पर नागपुर में शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. इस दौरान उन्होंने संघ के बार में कई बाते बताई. इसके साथ ही उन्होंने आरएसएस के महत्व पर भी जोर दिया. साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि महात्मा गांधी और डॉ बीआर अंबेडकर क्यों थे संघ से प्रभावित.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Ram Nath Kovind speech on Rss Century : 2 अक्टूबर, विजयादशमी के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने 100 वर्ष पूरे होने का भव्य शताब्दी समारोह नागपुर में आयोजित किया. इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए संघ ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया. इस मंच से उन्होंने संघ की सामाजिक और वैचारिक भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला.

महात्मा गांधी इस वजह से RSS से प्रभावित थे 
आपको बता दें कि रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी आरएसएस में व्याप्त अनुशासन, सादगी और जातिवाद-मुक्त व्यवहार से अत्यंत प्रभावित थे. उन्होंने 1947 में दिल्ली में संघ की रैली को संबोधित करते हुए स्वयं यह बात कही थी. गांधीजी संघ के शिविर में उपस्थित रह चुके थे, और डॉ. हेडगेवार के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने संघ के छुआछूत विरोधी रवैये की प्रशंसा की थी.

बाबा साहेब ने भी स्वंयसेवकों से संवाज किया था 

पूर्व राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने 1940 में महाराष्ट्र के कराड़ में संघ की शाखा में जाकर स्वयंसेवकों से संवाद किया था. उन्होंने संघ के प्रति अपनापन व्यक्त किया और यह भी कहा कि मतभेदों के बावजूद वे संघ के कामों को सराहते हैं. यह समाचार ‘केसरी’ और ‘जनता’ जैसे पत्रों में भी प्रकाशित हुआ था, जो संघ के प्रति आंबेडकर जी के सकारात्मक रुख का प्रमाण है.

RSS की कार्यशैली संगठन और तत्व-निष्ठ 
कोविंद ने कहा कि आरएसएस की कार्यशैली व्यक्ति-निष्ठ नहीं बल्कि संगठन-निष्ठ और तत्त्व-निष्ठ है. यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है. बीते 100 वर्षों में संघ ने समाज को समरसता, संगठन और आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर प्रेरित किया है. संघ ने संत परंपरा, सज्जन शक्ति और मातृशक्ति को साथ लेकर समाज को एक सूत्र में बांधा है.

विकसित भारत के निर्माण में संघ का विशेष योगदान 
रामनाथ कोविंद ने विश्वास जताया कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में संघ का विशेष योगदान रहेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि संघ अपने कार्यों को नई तकनीक और आधुनिक दृष्टिकोण से और तेज गति से आगे बढ़ाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि संघ के स्वयंसेवक गरीबों और वंचितों को न्याय दिलाने में पहले से अधिक सक्रियता दिखाएंगे.

गांधी और अंबडकर ने भी संघ की भावनाओं को समझा 
आरएसएस का यह शताब्दी समारोह न केवल संघ के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महापुरुषों जैसे गांधी और अंबेडकर ने भी संघ की मूलभूत भावनाओं को समझा और स्वीकार किया. रामनाथ कोविंद का यह संबोधन संघ के भविष्य की दिशा और समाज में उसकी भूमिका को और अधिक स्पष्ट करता है.

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02 October 2025, 02:17 PM IST

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