Explainer : भारतीय सेना के जवान मालदीव में क्यों तैनात हैं? भारत- मालदीव के रिश्तों में क्यों आई तल्खी, यहां जानिए पूरी कहानी

मालदीव और भारत ने सैनिकों की वापसी पर बातचीत के लिए एक उच्च स्तरीय कोर ग्रुप ने पहली बैठक की. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर भी शामिल हुए.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

भारत और मालदीव के रिश्ते लगातार बिगड़ रहे हैं. चीन का दौरा कर लौटे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने भारत के खिलाफ कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा भारत को 15 मार्च तक अपने सैनिकों को मालदीव से वापस बुलाने के लिए कहा है. इस वक्त मालदीव में करीब 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं. सनऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव सरकार का कहना है कि भारतीय सैन्य कर्मी मालदीव में नहीं रह सकते हैं. मालदीव में भारत के सैनिक क्या कर रहे हैं आज हम इसके बारे में आपको बताएंगे, लेकिन इससे पहले दोनों देशों के बीच उपजे तनाव के बारे में जानते हैं. 

सैनिकों के मामले में अब तक क्या हुआ?

मालदीव और भारत ने सैनिकों की वापसी पर बातचीत के लिए एक उच्च स्तरीय कोर ग्रुप ने पहली बैठक की. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर भी शामिल हुए. मालदीव का कहना है कि बैठक का एजेंडा 15 मार्च तक सैनिकों को वापस बुलाने का अनुरोध था. हालांकि भारत सरकार की ओर से अभी तक इस पहल पर कोई बयान सामने नहीं आया.

क्यों बिगड़ रहे हैं भारत-मालदीव के रिश्ते 

1. भारत से इनकार, चीन से प्यार, वाली है मोइज्जू की विदेश नीति
मोइज्जू चीन समर्थक नेता माने जाते हैं. उनका रुख भारत विरोधी रहा है. मालदीव में मोइज्जू ने 17 नवंबर 2023 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. उन्होंने औपचारिक रूप से भारत से अपने सैन्य कर्मियों को अपने देश से वापस बुलाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों को वापस भेजने के लिए मालदीव के लोगों ने उन्हें मजबूत जनादेश दिया है.

भारत-मालदीव संबंध में तल्खी.
भारत-मालदीव संबंध में तल्खी.

 

2. तल्ख हो गए हैं मालदीव-भारत के रिश्ते
पीएम नरेंद्र मोदी के अंडमान दौर पर मोइज्जू सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे. बाद में दवाब के चलते तीनों मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा. भारत ने मालदीव का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है. देश की दिग्गज हस्तियों ने साफ कह दिया है कि हमारे पास लक्षद्वीप है, हम मालदीव पर आश्रित नहीं हैं. भारत के बहिष्कार की वजह से मालदीव को बड़ा झटका लगा है. रूस और चीन के बाद भारतीय पर्यटक ही मालदीव को गुलजार करते हैं. 

3. मालदीव दिखा रहा भारत को आंख
राष्ट्रपति मोइज्जू ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, 'हम छोटे हो सकते हैं, लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता. हम किसी से पीछे नहीं हैं. हम एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य हैं.' उन्होंने भारत पर देश की निर्भरता को कम करने की योजनाओं की भी घोषणा की. 

4. 100 समझौतों की समीक्षा कर रहा है भारत
राष्ट्रपति मोइज्जू के बयान आने के बाद मालदीव भारत के साथ पिछली सरकार की ओर से हस्ताक्षरित 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की भारत ने समीक्षा शुरू कर दी है, जिससे कि मालदीव को ठोस सबक सिखाया जा सके. 

5. चीन से दोस्ती भारत से खत्म कर देगी रिश्ता
राष्ट्रपति मोइज्जू की चीन के साथ बढ़ती करीबी और भारत के खिलाफ विवादित बयानों से दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी आ गई है. चीन ने हाल ही में अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान कहा था कि मालदीव और चीन को करीब आना चाहिए. इतिहास साक्षी है कि जब-जब कोई देश चीन के करीब जाता है, भारत के साथ रिश्ते तल्ख हो जाते हैं. चीन से लौटने के बाद शनिवार को प्रेस से बात करते हुए राष्ट्रपति मोइज्जू ने परोक्ष रूप से भारत पर हमला बोला.

अब तक हमने दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी की बात की. अब बात करेंगे कि आखिर भारतीय सेना मालदीव में क्या कर रही है. आखिर इंडियन आर्मी के जवानों को मालदीव किस काम के लिए भेजा गया है.  

भारतीय सेना मालदीव कब और क्यों गई थी?

भारतीत सेना साल 1988 में वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम के बुलावे पर वहां पहुंची थी. साल 1988 में मालदीव आंतरिक कलह से जूझ रहा था. उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति मौमून अब्दुल ग़यूम के खिलाफ मालदीव के व्यापारी अब्दुल्ला लुथूफ़ी और उनके साथी सिक्का अहमद इस्माइल मानिक तख़्तापलट की साजिश रच रहे थे. एक दिन अब्दुल्ला लुथूफ़ी और सिक्का अहमद इस्माइल श्रीलंका के चरमपंथी संगठन 'प्लोट' के भाड़े के लड़ाकों के सहारे मालदीव पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे. जब ये लड़ाके देश में घुसने लगे और राष्ट्रपति मौमून को घेरने लगे तो उन्होंने एक सेफ हाउस में छिपकर वहां से सीधे भारत फोन लगाया और अपनी सुरक्षा के लिए मदद मांगी. तब भारत में राजीव गांधी सरकार ने राष्ट्रपति मौमून अब्दुल ग़यूम की बात को गंभीरता से लेते हुए कुछ ही घंटों में भारतीय सेना की एक टुकड़ी को हवाई मार्ग से हुलहुले हवाई अड्डे पर पहुंचा दिया था. यहां से भारतीय सैनिक राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम के सेफ हाउस पहुंचे और उन्हें विद्रोहियों से बचा लिया. तब से भारतीय सेना मालदीव में तैनात है. 

 मालदीव में भारतीय सेना.
मालदीव में भारतीय सेना.

 

भारतीय सैनिक मालदीव में क्या करते हैं

वर्तमान समय में मालदीव में 88 के करीब भारतीय सैनिक हैं. इन भारतीय सैनिकों के पास कुछ टोही विमान हैं, जिससे वो हिंद महासागर की निगरानी करते हैं. इसके अलावा ये सैनिक मालदीव में राहत बचाव कार्य और मेडिकल सहायता पहुंचाने का भी काम करते हैं. हालांकि, कुछ समय पहले भारतीय नौसेना ने वहां अपना एक डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टर तैनात किया था जो मुख्य रूप से 200 छोटे-छोटे द्वीपों के मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का काम करते हैं.

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15 January 2024, 12:12 PM IST

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