'तय सीमा से ज्यादा टिकट क्यों बेचे गए?', दिल्ली भगदड़ पर कोर्ट ने रेलवे को लगाई फटकार
दिल्ली हाई कोर्ट ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना को लेकर रेलवे पर सवाल किया कि क्यों टिकटों की बिक्री निर्धारित यात्री संख्या से अधिक की जाती है. कोर्ट ने रेलवे से सुरक्षा उपायों को सही तरीके से लागू करने का निर्देश दिया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके. वहीं, मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.

दिल्ली हाई कोर्ट ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना को लेकर रेलवे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे. हादसे को लेकर, कोर्ट ने रेलवे से सवाल किया कि अगर आप एक कोच में यात्रियों की संख्या तय कर देते हैं, तो फिर आप टिकट क्यों बेचते हैं? बेची गई टिकटों की संख्या उस संख्या से अधिक क्यों होती है? कोर्ट ने भविष्य में रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ से बचने के लिए सुरक्षा उपायों पर भी चर्चा की.
रेलवे को नियमों का पालन करने का आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने रेलवे से ये भी कहा कि प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री और यात्री संख्या तय करने पर विचार किया जाए. कोर्ट ने कहा कि यदि रेलवे अपने नियमों को सही तरीके से लागू करता तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था. कोर्ट ने ये भी कहा कि यात्री संख्या को नियंत्रित करने के लिए अगर आप सरल उपायों को सकारात्मक तरीके से लागू करते हैं तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है. जब ज्यादा भीड़ हो तो आप उस संख्या को बढ़ा सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि यात्री संख्या को लेकर कोई अनदेखी ना हो. कोर्ट ने रेलवे से कहा कि वह अपने नियमों का पालन करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई इस दुर्घटना में महाकुंभ जा रहे यात्री शामिल थे, जो प्रयागराज जाने के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंचे थे. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ये घटना तब घटी जब कुछ यात्री फुट ओवर ब्रिज से गिर गए और इसके बाद भगदड़ मच गई.
फ्यूचर प्लान और सख्ती से नियमों का पालन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे के इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी. कोर्ट ने रेलवे से कहा कि इस मुद्दे की उच्चस्तरीय बैठक में जांच की जाए और बाद में रेलवे बोर्ड से एक हलफनामा दायर किया जाए जिसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी दी जाए. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वस्त किया कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाएगा और रेलवे को भविष्य में अपने नियमों का पालन करना होगा.


