2029 में कांग्रेस इंडिया गठबंधन का हिस्सा होगी या नहीं? राहुल के करीबी नेता ने कर दिया बड़ा खुलासा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भाजपा की संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा करते हुए उसे एक "दुर्जेय मिशनरी" बताया जो देश की राजनीतिक मशीनरी पर नियंत्रण रखती है. उन्होंने विपक्षी INDIA गठबंधन की एकता पर संदेह जताया, लेकिन उसे बचाने के लिए अभी भी समय होने की बात कही. एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उन्होंने 2029 के आम चुनावों को लोकतंत्र के भविष्य के लिए निर्णायक बताया, जो या तो भाजपा को और मजबूत करेगा या लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करेगा.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जमकर संगठनात्मक क्षमता की तारीफ की. उन्होंने कहा कि भाजपा एक "दुर्जेय मिशनरी" है, जो हर मोर्चे पर अत्यंत संगठित ढंग से काम करती है. चिदंबरम का मानना है कि भाजपा देश की राजनीतिक मशीनरी पर इतना मजबूत नियंत्रण रखती है कि वह चुनाव आयोग से लेकर पुलिस थानों तक प्रभावशाली हो गई है.
विपक्षी गठबंधन पर संदेह
हालांकि, भाजपा की ताकत को स्वीकार करते हुए उन्होंने इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A bloc) की एकता पर संदेह व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भारत गठबंधन अभी पूरी तरह एकजुट है. यह कमजोर दिखाई देता है.” लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि अभी भी समय है इसे एकजुट रखने के लिए. उनके मुताबिक कई घटनाएं अभी घटित होंगी, जो गठबंधन को फिर से सक्रिय कर सकती हैं.
चिदंबरम सलमान खुर्शीद और मृत्युंजय सिंह यादव द्वारा लिखित पुस्तक ‘Contesting Democratic Deficit: An Inside Story of the 2024 Election’ के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने मृत्युंजय यादव की इस राय से असहमति जताई कि इंडिया गठबंधन अब भी मजबूत है. उन्होंने कहा, “शायद सलमान खुर्शीद इसका जवाब बेहतर दे सकें क्योंकि वे गठबंधन की वार्ता टीम में शामिल थे.”
भाजपा से लड़ाई को बताया कठिन
भाजपा की ताकत को विस्तार से बताते हुए चिदंबरम ने कहा, “यह कोई साधारण राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि एक मशीन के पीछे दूसरी मशीन है, जो पूरे राष्ट्र की प्रशासनिक और चुनावी मशीनरी को नियंत्रित करने में सक्षम है.” उनका मानना है कि विपक्ष को अगर भाजपा के इस संगठित तंत्र से लड़ना है, तो उसे हर मोर्चे पर चुनौती देनी होगी.
2029 चुनाव का महत्व
चिदंबरम ने आने वाले 2029 के आम चुनावों को भारत के लोकतांत्रिक भविष्य के लिए निर्णायक करार दिया. उन्होंने कहा कि यह चुनाव या तो भाजपा को और अधिक ताकत देगा जिससे लोकतंत्र की बहाली मुश्किल हो जाएगी, या फिर यह भारत को “पूर्ण लोकतंत्र” की दिशा में वापस ले जाएगा.


