score Card

दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटा, लेकिन अब भी खतरे के निशान से ऊपर...अगले दो दिन बेहद महत्वपूर्ण

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर मामूली गिरावट के बाद भी खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे कई इलाके जलमग्न हैं. सिविल लाइंस, कश्मीरी गेट और यमुना बाजार में बाढ़ का असर साफ दिखा. प्रशासन अलर्ट पर है और राहत कार्य जारी हैं. बैराज से छोड़े गए पानी के कारण स्थिति अगले दो दिनों तक उतार-चढ़ाव वाली रह सकती है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Delhi Flood: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को मामूली गिरावट के साथ 206.47 मीटर पर दर्ज किया गया. यह स्तर शुक्रवार को 207 मीटर से अधिक था. हालांकि गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन नदी अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी जमा है. ड्रोन कैमरों से ली गई तस्वीरों में नदी के किनारों पर बाढ़ की भयावह स्थिति साफ दिखाई दी.

चेतावनी और खतरे के निशान से ऊपर यमुना

दिल्ली के लिए यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर और खतरे का स्तर 205.33 मीटर तय है. अगर जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है. इस हफ्ते नदी ने 206 मीटर का स्तर पार कर लिया, जिसके चलते कई बस्तियों से हजारों लोगों को निकालकर राहत शिविरों में भेजा गया. 3 सितंबर को यमुना का जलस्तर 207.41 मीटर दर्ज किया गया था, जो अब तक का तीसरा सबसे ऊंचा स्तर है.

ओल्ड रेलवे ब्रिज बना निगरानी का केंद्र

पुराना रेलवे पुल (ओआरबी) यमुना के प्रवाह और बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने का अहम केंद्र है. यहीं से जलस्तर का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया जाता है. नदी के लगातार उफान से यह पुल भी प्रशासन और स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

दिल्ली के कई इलाके पानी में डूबे

राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्से यमुना के पानी में डूब गए हैं. सिविल लाइंस क्षेत्र, जहां आलीशान मकान और सरकारी आवास हैं, वहां भी पानी भर गया. इसके अलावा मोनेट्री बाजार, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, यमुना बाजार समेत कई इलाकों में जलभराव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दुकानें बंद करनी पड़ीं और यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ.

प्रशासन अलर्ट पर

अधिकारियों ने जानकारी दी कि हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और सभी विभाग अलर्ट मोड में हैं. दिल्ली सरकार और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव दल तैनात किए हैं. वहीं, जिन परिवारों को सुरक्षित स्थलों पर ले जाया गया है, उन्हें अस्थायी शिविरों में भोजन और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.

बैराजों से छोड़ा गया पानी बना कारण

बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, शनिवार सुबह 9 बजे हथिनीकुंड बैराज से 50,629 क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 1,17,260 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इन दोनों बैराजों से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचने में औसतन 48 से 50 घंटे का समय लेता है. इस वजह से अगले दो दिनों में भी राजधानी में जलस्तर में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. हालांकि ऊपरी इलाकों से छोड़ा जाने वाला पानी अब कुछ कम हुआ है, लेकिन नदी का बहाव अब भी तेज है और जलस्तर चेतावनी सीमा के करीब बना हुआ है.

calender
06 September 2025, 04:07 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag