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'81 प्रतिशत रक्षा हथियार तो बीजिंग से आता है', पाकिस्तान के साथ-साथ शशि थरूर ने चीन को भी किया एक्सपोज

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि पाकिस्तान की 81% रक्षा सामग्री चीन से आती है, जिससे भारत-पाकिस्तान संघर्ष में चीन को नजरअंदाज करना असंभव है. उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) और बीआरआई पर जोर दिया. थरूर ने पहलगाम हमले और आतंकवाद में चीन-पाक समर्थन का हवाला दिया और बताया कि भारत ने पाकिस्तानी चीनी तकनीक के खिलाफ अपनी रणनीति बदलकर ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गुरुवार को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में एक थिंक टैंक के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान की लगभग 81 प्रतिशत रक्षा हथियार चीन से आती है. उन्होंने यह भी कहा कि चीन का पाकिस्तान में बड़ा हित होने के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष में चीन को नजरअंदाज करना नामुमकिन है. थरूर वर्तमान में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जो अमेरिका में ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस्लामाबाद और आतंकवादी समूहों के संबंधों को उजागर करने की कोशिश कर रहा है.

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा और बीआरआई

थरूर ने बताया कि चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की सबसे बड़ी परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) है. उन्होंने कहा, "यहां ‘रक्षा’ शब्द सीमित पड़ सकता है क्योंकि पाकिस्तान को मिलने वाले कई उपकरण आक्रमण के लिए हैं." थरूर ने स्पष्ट किया कि चीन-पाकिस्तान सहयोग भारत के लिए एक ऐसा कारक है, जिसे संघर्ष के दौरान नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

भारत-चीन संबंधों में प्रगति के बीच चुनौतियां

थरूर ने कहा कि 2020 में गलवान घाटी में तनाव के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में कुछ सुधार देखा गया है. उन्होंने कहा, "हमने चीन के साथ व्यापार को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाया है और शत्रुतापूर्ण रवैया नहीं अपनाया है." हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत को क्षेत्रीय चुनौतियों के प्रति पूरी तरह जागरूक रहना होगा.

पहलगाम हमले का मामला

थरूर ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. उन्होंने बताया कि उस समय सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा तो की, लेकिन हमलावर समूह ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ का नाम नहीं लिया गया क्योंकि पाकिस्तान ने चीन की मदद से इसे हटवा दिया था. इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि चीन और पाकिस्तान संयुक्त रूप से आतंकवाद को समर्थन दे रहे हैं.

सैन्य तकनीक और रणनीतिक बदलाव

थरूर ने कहा कि भारत ने पाकिस्तानी सेना की चीनी तकनीक का मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीतियों को बदला. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि चीन-पाकिस्तान द्वारा ‘किल चेन’ नामक सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जिसमें रडार, जीपीएस, विमान और मिसाइल एक साथ जुड़े होते हैं. भारत ने इस तकनीक को भेदने और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए अपनी योजना बदली, जिसके कारण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 11 पाकिस्तानी हवाई अड्डों को निशाना बनाया जा सका.

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07 June 2025, 03:13 PM IST

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