'अमेरिका को दिवालिया...', डोनाल्ड ट्रंप के 'बिग ब्यूटीफुल बिल' का विरोध क्यों कर रहे एलन मस्क?
अमेरिका की आर्थिक नीतियों को लेकर एलन मस्क और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने हैं, जहां मस्क ने 4 ट्रिलियन डॉलर के खर्च बिल को ‘कर्ज की गुलामी’ बताया है.

अमेरिका में आर्थिक नीतियों को लेकर अब सियासी पारा चढ़ता जा रहा है और इसे लेकर देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क आमने-सामने आ गए है. एलन मस्क ने ट्रंप के 4 ट्रिलियन डॉलर के खर्च और टैक्स बिल के खिलाफ खुला मोर्चा खोलते हुए सोशल मीडिया पर जोरदार मुहिम शुरू कर दी है. इसके साथ ही, चेतावनी भी दी है कि अगर सीनेट से इस बिल को मंजूरी मिलती है तो वो अगले दिन ही 'अमेरिका पार्टी' के नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे.
एक समय ट्रंप के करीबी माने जाने वाले मस्क ने अब इस ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ को अमेरिका को आर्थिक गुलामी की ओर धकेलने वाला कदम बताया है. उनका कहना है कि ये बिल अमेरिका के पहले से भारी राष्ट्रीय कर्ज को और बढ़ा देगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां आर्थिक दासता में फंस जाएंगी.
'अपने सीनेटर को बुलाओ!' – मस्क
बुधवार को एलन मस्क ने X (पूर्व ट्विटर) पर अमेरिकियों से अपील करते हुए लिखा- अपने सीनेटर को बुलाओ, अपने कांग्रेसमैन को बुलाओ. अमेरिका को दिवालिया बनाना ठीक नहीं है! बिल को खत्म करो.
‘कर्ज की गुलामी वाला बिल – मस्क
एलन मस्क ने विधेयक की तीखी आलोचना करते हुए इसे 'Debt Slavery Bill' यानी ‘कर्ज की गुलामी वाला बिल’ कहा. उनके अनुसार, ये बिल अमेरिकी इतिहास में कर्ज की सीमा में सबसे बड़ा इजाफा करेगा, जो देश की आर्थिक स्वतंत्रता के लिए घातक होगा.
एलन मस्क ने सांसदों पर भी साधा निशाना
मंगलवार को भी एलन मस्क ने इस विधेयक को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें उन्होंने कहा कि ये विधेयक सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना खर्चों से भरा हुआ है और जिन्होंने इसके पक्ष में वोट किया है, उन्हें शर्म आनी चाहिए.
जहां एक ओर डोनाल्ड ट्रंप सीनेट में विधेयक के लिए समर्थन जुटाने में जुटे हैं, वहीं एलन मस्क की ये खुली बगावत उनके प्रयासों को कमजोर कर सकती है. इस सार्वजनिक विरोध के चलते टैक्स कटौती और कर्ज सीमा बढ़ाने की प्रक्रिया को झटका लग सकता है. एलन मस्क का ये तीखा हमला ना केवल ट्रंप की राजनीतिक रणनीतियों को चुनौती दे रहा है, बल्कि अमेरिका की आर्थिक नीतियों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. अब देखना ये होगा कि मस्क की ये आक्रामक मुहिम कांग्रेस के फैसले को प्रभावित कर पाती है या नहीं. साफ है, इस टकराव के केंद्र में सिर्फ एक बिल नहीं, बल्कि अमेरिका का आर्थिक भविष्य खड़ा है.


