'युद्ध नहीं शांति चाहते हैं पुतिन', तीन साल बाद यूक्रेन से सीधी बातचीत का रखा प्रस्ताव, 15 मई को यहां हो सकती है बातचीत
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को 15 मई को इस्तांबुल में बिना शर्त सीधी वार्ता का प्रस्ताव दिया, साथ ही कीव पर पिछली वार्ता से पीछे हटने का आरोप लगाया. यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने 30-दिवसीय युद्धविराम की मांग की और चेतावनी दी कि अस्वीकार करने पर रूस पर नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे. इस प्रस्ताव को पश्चिमी नेताओं का समर्थन मिला है. रूस द्वारा घोषित युद्धविराम के दौरान दोनों पक्षों ने उल्लंघन के आरोप एक-दूसरे पर लगाए हैं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को यूक्रेन के साथ एक बार फिर शांति वार्ता शुरू करने का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा कि 15 मई को इस्तांबुल में बिना किसी पूर्व शर्त के सीधी बातचीत की जा सकती है. इसके साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों पर यूक्रेन को वार्ता से पीछे हटने के लिए उकसाने का आरोप भी लगाया.
पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि 2022 में जब शांति वार्ता चल रही थी, तो रूस नहीं बल्कि कीव सरकार ने उसे तोड़ा. उन्होंने कहा, “हमने पहले भी युद्ध विराम की कई बार पहल की है, लेकिन यूक्रेन की ओर से कोई गंभीर प्रतिक्रिया नहीं मिली.”
वार्ता प्रस्ताव पर पुतिन की सफाई
पुतिन ने कहा कि युद्ध विराम और समझौते की दिशा में पहले भी गंभीर प्रयास किए गए थे. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों द्वारा एक संयुक्त मसौदा तैयार किया गया था, जिस पर यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने हस्ताक्षर भी किए थे. लेकिन उनके अनुसार, पश्चिमी दबाव के चलते कीव ने उस प्रस्ताव को त्याग दिया.
रूस का एकतरफा युद्ध विराम
नाजी जर्मनी पर विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर रूस ने हाल ही में 72 घंटे का एकतरफा युद्ध विराम घोषित किया था, जो रविवार को समाप्त हो गया. लेकिन यूक्रेन ने आरोप लगाया कि इस दौरान रूसी सेना ने युद्धविराम का उल्लंघन किया और आक्रामकता जारी रखी. इसके जवाब में पुतिन ने दावा किया कि उल्टा यूक्रेन ने ही रूस की सीमा पर पांच बार हमले करने की कोशिश की.
ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया और प्रतिबंधों की चेतावनी
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने भी युद्धविराम की पहल की है. उन्होंने पुतिन से सोमवार से शुरू होने वाले 30 दिनों के बिना शर्त युद्धविराम में शामिल होने का अनुरोध किया. ज़ेलेंस्की ने यह भी चेतावनी दी कि अगर रूस इस प्रस्ताव को ठुकराता है तो उस पर आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े नए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
ज़ेलेंस्की के अनुसार, उनके इस प्रस्ताव को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन प्राप्त है, हालांकि व्हाइट हाउस ने इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि यदि शांति प्रक्रिया में प्रगति नहीं होती, तो रूस पर और अधिक कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
यूरोपीय नेताओं से समर्थन
ज़ेलेंस्की ने यह प्रस्ताव फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ चर्चा के बाद दिया. इन सभी नेताओं ने अमेरिका के ट्रंप के साथ एक टेलीफोन वार्ता में इस योजना को "सकारात्मक" बताया.


