'अमेरिका में कोई राजा नहीं...', ट्रंप के खिलाफ एक बार फिर सड़कों पर उतरे लोग, जानें क्या है वजह
अमेरिका में लाखों लोगों से शनिवार के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की थी, हालांकि 5 अप्रैल को देश भर में हुए 'हाथ मत मिलाओ' विरोध प्रदर्शनों की तुलना में इस बार लोगों की उपस्थिति कम रही. रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क में लोगों ने शहर की मुख्य लाइब्रेरी के बाहर रैली निकाली, जिसमें ट्रंप को निशाना बनाते हुए अमेरिका में कोई राजा नहीं और अत्याचार का विरोध करें जैसे नारे लिखे हुए पोस्टर थे.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान 50 राज्यों में 50 से अधिक जगहों पर धरना प्रदर्शन किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, 5 अप्रैल को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद हजारों लोग विभिन्न राज्यों में आयोजित 400 रैलियों में भाग लेने के लिए इकट्टा हुए. रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार के विरोध प्रदर्शन के मुख्य आयोजक समूह 50501 की वेबसाइट पर कहा गया कि यह विरोध प्रदर्शन ट्रंप प्रशासन और उसके धनिक सहयोगियों की लोकतंत्र विरोधी और अवैध कार्रवाइयों के प्रति एक विकेन्द्रित त्वरित प्रतिक्रिया है.
अमेरिका में कोई राजा नहीं
अमेरिका में लाखों लोगों से शनिवार के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की थी, हालांकि 5 अप्रैल को देश भर में हुए 'हाथ मत मिलाओ' विरोध प्रदर्शनों की तुलना में इस बार लोगों की उपस्थिति कम रही. रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क में लोगों ने शहर की मुख्य लाइब्रेरी के बाहर रैली निकाली, जिसमें ट्रंप को निशाना बनाते हुए अमेरिका में कोई राजा नहीं और अत्याचार का विरोध करें जैसे नारे लिखे हुए पोस्टर थे.
कई लोगों ने ट्रंप द्वारा अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की आलोचना की और कोई आईसीई नहीं, कोई डर नहीं, आप्रवासियों का यहां स्वागत है, के नारे लगाए. उन्होंने प्रवासियों को हिरासत में लेने में आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंसी की भूमिका का भी उल्लेख किया.
प्रदर्शनकारियों ने क्या कहा?
वाशिंगटन में प्रदर्शनकारियों ने चिंता जताई कि ट्रंप लंबे समय से सम्मानित संवैधानिक सिद्धांतों को खतरे में डाल रहे हैं, जिसमें उचित प्रक्रिया का अधिकार भी शामिल है. 41 वर्षीय बेंजामिन डगलस ने व्हाइट हाउस ने कहा कि प्रशासन कानून के शासन के विचार पर और इस विचार पर सीधा हमला कर रहा है कि सरकार को संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने से रोका जाना चाहिए.
पिछले महीने फिलिस्तीन समर्थक छात्र डगलस को गिरफ्तार किया गया था. केफ़ियेह पहने और महमूद खलील की रिहाई की मांग करने वाले एक बोर्ड को लेकर उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को विदेशी लोगों के प्रति घृणा को भड़काने और लंबे समय से चली आ रही कानूनी सुरक्षा को खत्म करने के लिए परीक्षण के तौर पर चुना जा रहा है.
हम बहुत बड़े खतरे में हैं
न्यूयॉर्क की 73 वर्षीय प्रदर्शनकारी कैथी वैली ने कहा, हम बहुत बड़े खतरे में हैं, उन्होंने आगे कहा कि एडोल्फ हिटलर किस तरह सत्ता में आया, इसकी उनकी कहानियां ही यहां घटित हो रही हैं. उन्होंने कहा, "एक बात यह है कि ट्रंप हिटलर या अन्य फासीवादियों से कहीं ज्यादा मूर्ख हैं. उनके साथ छल किया जा रहा है... और उनकी अपनी टीम भी विभाजित है."
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में इम्यूनोलॉजी में पीएचडी की पढ़ाई कर रही डेनिएला बटलर ने कहा कि वह सरकार द्वारा "विज्ञान और स्वास्थ्य कार्यों के लिए धन की कटौती की ओर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करना चाहती थीं." वह टेक्सास का एक नक्शा लेकर आई थी, जिस पर वहां चल रहे खसरे के प्रकोप को दर्शाने वाले स्थान थे. बटलर ने कह कि जब विज्ञान की अनदेखी की जाती है, तो लोग मर जाते हैं.
मैं अगले चुनाव का इंतजार कर रही हूं
टेक्सास के तटीय शहर गैल्वेस्टन में ट्रंप विरोधी प्रदर्शनकारियों की एक छोटी सी भीड़ देखी गई. 63 वर्षीय लेखिका पैट्सी ओलिवर ने कहा, "यह मेरा चौथा विरोध प्रदर्शन है और आम तौर पर मैं अगले चुनाव का इंतजार कर रही हूं." हम अभी ऐसा नहीं कर सकते. हम पहले ही बहुत कुछ खो चुके हैं." इस बीच पश्चिमी तट पर सैकड़ों लोग सैन फ्रांसिस्को के एक समुद्र तट पर एकत्रित हुए.
अन्य प्रदर्शनकारियों ने उल्टा अमेरिकी झंडा पकड़ रखा था, जो परंपरागत रूप से संकट का प्रतीक है. आयोजकों का लक्ष्य ट्रंप की आव्रजन नीति, संघीय एजेंसियों में भारी कटौती, तथा विश्वविद्यालयों, समाचार मीडिया और कानूनी फर्मों पर दबाव के कारण बढ़ते आक्रोश का उपयोग करके इसे एक स्थायी आंदोलन में बदलना है.


