यूरोप युद्ध की आहट से कांपा, फ्रांस-जर्मनी-पोलैंड में अस्पताल अलर्ट, बंकर बने और सेनाओं में भर्ती तेज
यूरोप में तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका को देखते हुए माहौल बेहद तनावपूर्ण है। फ्रांस से लेकर जर्मनी और पोलैंड तक अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है, बंकर बनाए जा रहे हैं और सेनाओं में भर्ती की रफ्तार तेज हो गई है।

International News: यूरोप के कई देशों में हालात ऐसे बन रहे हैं जैसे किसी भी दिन बड़ा युद्ध शुरू हो सकता है। फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड, स्वीडन और नॉर्वे ने अपनी सेनाओं को तैयारियों का आदेश दे दिया है। खासकर फ्रांस में अस्पतालों को युद्धक स्थिति के लिए सजग कर दिया गया है। उन्हें कहा गया है कि किसी भी समय सैकड़ों घायल सैनिक पहुंच सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च 2026 तक तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया है। फ्रांस की सरकार मानकर चल रही है कि युद्ध के दौरान वह घायलों का बड़ा इलाज केंद्र बन सकता है।
फ्रांसीसी अखबारों ने खुफिया दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि अस्पतालों को विदेशी सैनिकों तक के इलाज के लिए तैयार रहने को कहा गया है। यह आदेश इसलिए दिया गया है ताकि आम जनता की सेवाओं के साथ-साथ सेना की जरूरतों को भी पूरा किया जा सके। अधिकारियों ने कहा है कि ज्यादा से ज्यादा विदेशी सैनिक भी यहां लाए जा सकते हैं।
नाटो देशों पर मंडराता साया
नाटो देशों के लिए स्थिति और गंभीर है। नियम के मुताबिक अगर किसी एक नाटो देश पर हमला होता है तो बाकी सभी को युद्ध में कूदना पड़ता है। इसका मतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे बड़े देश सीधे रूस से भिड़ सकते हैं। जर्मनी के शीर्ष जनरल कार्स्टन ब्रेउर ने चेताया है कि रूस के बेलारूस में होने वाले युद्धाभ्यास पर नज़र रखी जाए। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि सीधे हमले का कोई संकेत अभी नहीं है।
रूस और चीन से बढ़ी चिंता
नाटो प्रमुख मार्क रूटे पहले ही कह चुके हैं कि रूस और चीन मिलकर तीसरे विश्वयुद्ध का माहौल बना सकते हैं। उन्होंने अंदेशा जताया था कि चीन ताइवान पर हमला कर सकता है और रूस बाल्टिक देशों पर। उनका कहना है कि रूस हथियार बनाने की गति में नाटो देशों से कई गुना आगे निकल चुका है। वहीं रूस ने इस चेतावनी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यह पश्चिमी नेताओं का भ्रम है।
सड़कों और घरों तक पहुंचीं तैयारियां
युद्ध की तैयारी अब सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं है। स्वीडन और नॉर्वे में लोगों को घरों में एक महीने का राशन रखने की हिदायत दी जा रही है। पोलैंड और बाल्टिक देशों में नई भर्तियां तेजी से हो रही हैं। महिलाओं को भी सेना में शामिल किया जा रहा है। नॉर्वे के सीमावर्ती इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। पूरे पूर्वी यूरोप में बंकर और बैरिकेड बनाए जा रहे हैं।
जर्मनी और फ्रांस का बड़ा प्लान
जर्मनी ने "ऑपरेशन डॉयचलैंड" नाम से एक हजार पन्नों की योजना बनाई है। इसमें बंकर बनाने और लाखों सैनिकों की तैनाती की तैयारी है। ब्रिटेन और फ्रांस ने हाल ही में परमाणु हमलों की स्थिति में तालमेल का समझौता किया है। यह पहली बार है जब फ्रांस ने किसी सहयोगी के लिए अपने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने का संकल्प लिया है। इससे साफ है कि यूरोप युद्ध की किसी भी संभावना को लेकर गंभीर है।
तीसरे विश्वयुद्ध की भयावह तस्वीर
अगर तीसरा विश्वयुद्ध होता है तो हालात दूसरे विश्वयुद्ध से भी ज्यादा भयानक होंगे। उस समय करोड़ों लोग मारे गए थे, लेकिन आज के हथियार कई गुना ज्यादा विनाशकारी हैं। रूस और अमेरिका समेत यूरोप के पास हजारों परमाणु बम हैं। स्टडीज बताती हैं कि युद्ध की स्थिति में वैश्विक तापमान और बारिश कई सालों तक प्रभावित हो सकती है। इससे खाद्यान्न संकट और भुखमरी का खतरा बढ़ जाएगा। यही वजह है कि दुनिया भर के विशेषज्ञ युद्ध से बचने की अपील कर रहे हैं।


