116 साल चला वो भयानक युद्ध, जिसने बदल दिया यूरोप का नक्शा...., 5 पीढ़ियों ने लड़ी जंग!
जब दो ताक़तवर देश एक गद्दी के लिए भिड़ गए तो 100 नहीं पूरे 116 साल तक चला संघर्ष. कई लड़ाइयां, लाखों की मौत और फिर भी जीत किसकी हुई? जानिए इस ऐतिहासिक जंग की दिलचस्प कहानी जो यूरोप का नक्शा बदल गई!

इतिहास में कुछ युद्ध ऐसे होते हैं जो सिर्फ दो देशों की सीमाओं तक सीमित नहीं रहते, बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास पर असर डालते हैं. ऐसा ही एक युद्ध था इंग्लैंड और फ्रांस के बीच हुआ "सौ साल का युद्ध". ये जंग इतनी लंबी चली कि इसमें कुल पाँच पीढ़ियों ने हिस्सा लिया और इसका असर यूरोप की राजनीति और ताकत के संतुलन पर गहराई से पड़ा.
कब और क्यों शुरू हुआ था ये युद्ध?
इस युद्ध की शुरुआत हुई 24 मई, 1337 को, जब फ्रांसीसी राजा फिलिप VI ने इंग्लैंड के कब्जे वाली कुछ ज़मीनें जब्त कर लीं. इसके जवाब में इंग्लैंड के राजा एडवर्ड III ने फ्रांस के सिंहासन पर अपना दावा ठोक दिया. यहीं से शुरू हुआ संघर्ष, जो रुक-रुक कर 116 साल तक चला.
ये कोई सीधी-सादी लड़ाई नहीं थी...
सौ साल का युद्ध सीधे-सीधे मैदान में लड़ी जाने वाली लड़ाई नहीं थी, बल्कि इसमें राजनीतिक चालें, आर्थिक झटके और कई बार सैन्य टकराव शामिल थे. इस दौरान इंग्लैंड और फ्रांस के बीच तीन बड़े चरणों में युद्ध लड़ा गया —
एडवर्डियन युद्ध (1337-1360)
कैरोलीन युद्ध (1369-1389)
लैंकेस्ट्रियन युद्ध (1415-1453)
क्या मिला इस लंबी जंग से?
इस युद्ध का अंत हुआ 1453 में, जब फ्रांसीसी सेना ने निर्णायक जीत दर्ज की और इंग्लैंड को पीछे हटना पड़ा. हाउस ऑफ वैलोइस के नेतृत्व में फ्रांस ने अपना साम्राज्य बचा लिया. लेकिन इसके बावजूद इंग्लैंड के सम्राट 1802 तक खुद को फ्रांस का राजा कहते रहे.
युद्ध के बाद क्या हुआ दोनों देशों में?
इस लंबे युद्ध के चलते दोनों देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह हिल गई थी. फ्रांस के कई कृषि क्षेत्र बर्बाद हो गए और इंग्लैंड को भारी आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ा. लेकिन एक बात साफ हो गई — इस संघर्ष ने राष्ट्रवाद की भावना को जन्म दिया और यूरोप की राजनीति का रुख बदल दिया.
न कोई पूरी जीत, न कोई पूरी हार
हालांकि फ्रांस ने युद्ध जीत लिया, लेकिन दोनों देशों को भारी कीमत चुकानी पड़ी. ये जंग इतिहास की सबसे लंबी सैन्य लड़ाई मानी जाती है, जिसने दिखा दिया कि सत्ता की भूख और राजनैतिक महत्वाकांक्षा कितनी विनाशकारी हो सकती है.
इस युद्ध ने सिर्फ फ्रांस और इंग्लैंड ही नहीं, पूरी दुनिया को ये सिखाया कि लंबी लड़ाइयों का अंत सिर्फ तबाही और बर्बादी होता है.


