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117 ड्रोन से रूस पर तबाही! यूक्रेन ने उड़ाए 40 जंगी विमान और 5 एयरबेस

यूक्रेन ने रूस के कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमला किया, जिससे भारी नुकसान हुआ. रूस के रक्षा मंत्रालय ने खुद स्वीकार किया कि मरमंस्क, इरकुत्स्क और अन्य क्षेत्रों में एयरबेस को नुकसान पहुंचा है. यूक्रेन के इस ऑपरेशन में दर्जनों रूसी लड़ाकू विमान और उपकरण तबाह हो गए.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी युद्ध में अब एक नया मोड़ आ गया है. यूक्रेन ने एक रणनीतिक ऑपरेशन 'स्पाइडर' के तहत रूस के कई सैन्य एयरबेस पर बड़े पैमाने पर हमला किया है. यह हमला यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की निगरानी और यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस के नेतृत्व में अंजाम दिया गया.

ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करके इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि इस हमले की तैयारी एक साल, छह महीने और नौ दिन पहले शुरू कर दी गई थी. यह यूक्रेन का अब तक का सबसे लंबी दूरी वाला सैन्य ऑपरेशन था. इस मिशन में कुल 117 ड्रोन और उतनी ही संख्या में ऑपरेटर्स शामिल थे.

117 ड्रोन्स और डेढ़ साल की प्लानिंग

यूक्रेन ने दावा किया है कि इस हमले में रूस के एयरबेस पर तैनात लगभग 40 विमान नष्ट कर दिए गए, जिनमें 34% रणनीतिक क्रूज़ मिसाइल वाहक शामिल हैं. ज़ेलेंस्की ने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सिक्योरिटी प्रमुख वसील मालियुक और पूरी टीम को धन्यवाद दिया.

रूस ने हमलों को बताया आतंकी कार्रवाई

रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के हमले को "आतंकी कार्रवाई" करार दिया. मंत्रालय के मुताबिक, यूक्रेनी ड्रोनों ने मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर के एयरबेस को निशाना बनाया. रूस का दावा है कि इवानोवो, रियाज़ान और अमूर में हुए ड्रोन हमलों को विफल कर दिया गया, लेकिन मरमंस्क और इरकुत्स्क क्षेत्रों में कुछ विमानों को नुकसान पहुंचा और उनमें आग लग गई थी. हालांकि, समय रहते आग पर काबू पा लिया गया.

वार्ता से पहले दबाव की रणनीति

विश्लेषकों का मानना है कि यूक्रेन यह हमला तुर्किए के इस्तांबुल में होने वाली शांति वार्ता के दूसरे चरण से ठीक पहले करके रूस पर दबाव बनाना चाहता है. रूस का प्रतिनिधिमंडल पहले ही वार्ता के लिए तुर्किए पहुंच चुका है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, युद्धविराम की तत्काल कोई उम्मीद नहीं दिख रही.

यूक्रेन का यह आक्रामक रुख यह दिखाता है कि वह किसी भी कीमत पर रूस को झुकाने के लिए तैयार है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दबाव बनाना चाहता है कि यह युद्ध अब खत्म होना चाहिए.

गौरव यूक्रेन को!

ज़ेलेंस्की ने अपने संदेश का अंत 'ग्लोरी टू यूक्रेन!' के उद्घोष के साथ किया, जो बताता है कि यह हमला केवल सैन्य नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक मोर्चे पर भी बड़ा संदेश है.

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02 June 2025, 09:28 AM IST

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