'पीछे नहीं हटेगी भारतीय सेना', एमजे अकबर ने लंदन में गांधी-माउंटबेटन वार्ता का किया खुलासा
एमजे अकबर के अनुसार, महात्मा गांधी ने लार्ड माउंटबेटन से कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ अहिंसा नहीं चलेगी. देश को खड़ा होना चाहिए, सेना लड़ेगी और कोई सैनिक पीछे नहीं हटेगा. गांधी ने स्पष्ट किया था कि भारतीय सैनिक आतंकवाद से लड़ते हुए प्राण भी न्योछावर कर देंगे.

भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया के सामने लाने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश दौरे पर है. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद कर रहे हैं. उनके साथ पूर्व मंत्री एमजे अकबर भी हैं, जिन्होंने लंदन में पाकिस्तान की नीतियों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का जन्म हिंसा और दंगे की नींव पर हुआ था, यह किसी लोकप्रिय आंदोलन से अस्तित्व में नहीं आया.
एमजे अकबर ने लंदन में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की शुरुआत 1946 के कलकत्ता हत्याकांड के बाद हुई और 1971 के ढाका हत्याकांड के बाद उसकी राजनीतिक मौत हो गई, लेकिन इसके बावजूद उसने अपनी हिंसक नीति नहीं बदली. उन्होंने यह भी कहा कि यह हिंसा पाकिस्तान की शासक और अभिजात्य वर्ग की आनुवंशिक विरासत बन गई है.
महात्मा गांधी के बारे में भी कुछ दिलचस्प बातें
अकबर ने महात्मा गांधी के बारे में भी कुछ दिलचस्प बातें कही. उन्होंने बताया कि गांधी जी ने 1947 में आतंकवाद के खिलाफ अहिंसा की नीति छोड़ दी थी. उस समय पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए पांच हजार आतंकवादियों को भेजा था. इस पर गांधी जी ने लार्ड माउंटबेटन से बातचीत की थी, जिसमें माउंटबेटन ने गांधी को देखकर कहा था कि वे अब “चर्चिल जैसे दिखते हैं.” गांधी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमें अहिंसा नहीं, बल्कि कड़ा संघर्ष करना होगा. उन्होंने साफ कहा था कि भारतीय सेना आतंकवाद से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देगी, लेकिन पीछे नहीं हटेगी.
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में रविशंकर प्रसाद के अलावा प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खटाना, डी पुरंदेश्वरी, अमर सिंह, समिक भट्टाचार्य, एम थंबीदुरई, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर और राजदूत पंकज सरन शामिल हैं. यह दल सामुदायिक समूहों, थिंक टैंकों, सांसदों और प्रवासी नेताओं से मुलाकात करके आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का रुख पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहा है.
प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम लंदन पहुंचा
प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम लंदन पहुंचा, जहां उनका स्वागत भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने किया. यह टीम 31 मई से 3 जून तक लंदन में विभिन्न कार्यक्रमों और चर्चाओं में भाग लेगी. इस दौरे का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूत तरीके से पेश करना और पाकिस्तान की हिंसक नीतियों को उजागर करना है.
आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और यह प्रतिनिधिमंडल भी उसी नीति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी ढंग से व्यक्त कर रहा है. इस तरह के वैश्विक प्रयास से आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता बढ़ेगी और भारत के समर्थन में मजबूत कूटनीतिक आधार बनेगा.


