सांप के काटने का घरेलू इलाज संभव! केन्या में हुई बड़ी खोज, भारत को मिल सकती है राहत
केन्या में हुए एक शोध ने सांप के काटने के इलाज को लेकर नई क्रांति की संभावनाएं पैदा कर दी हैं. यूनिथिओल नाम की दवा, जिसे पहले धातु विषाक्तता के इलाज में इस्तेमाल किया जाता था, अब सांप के जहर को भी निष्क्रिय करने में कारगर साबित हुई है.

भारत में हर साल 1.4 लाख लोग सांप के काटने से अपनी जान गंवा देते हैं. इन मौतों का प्रमुख कारण समय पर सही इलाज न मिल पाना होता है. खासकर ग्रामीण इलाकों में. अब केन्या में हुई एक नई खोज ने इस गंभीर समस्या का समाधान खोज निकाला है. वैज्ञानिकों का दावा है कि अब लोग घर पर ही सांप के जहर को शरीर से खत्म कर सकते हैं.
अब तक भारत में सांप के काटने पर एंटीवेनम का इस्तेमाल होता रहा है, जिसे इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है. इसे स्टोर करने के लिए विशेष तापमान की आवश्यकता होती है. लेकिन नई खोज से यह इलाज अब और आसान हो सकता है.
कैसे काम करती है यह नई दवा?
‘ई-बायोमेडिसिन’ नामक जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, यूनिथिओल नाम की दवा सांप के जहर को रोकने में बेहद कारगर है. यह दवा पहले धातु विषाक्तता (Metal Poisoning) के इलाज में इस्तेमाल होती थी. शोधकर्ताओं ने बताया कि सांप के जहर में मेटालोप्रोटीनेज नाम का एक एंजाइम होता है, जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और इसके लिए उसे जिंक की जरूरत होती है.
यूनिथिओल शरीर में मौजूद जिंक को हटाकर जहर के प्रभाव को रोक देता है. इस दवा की खास बात यह है कि इसे पानी के साथ कैप्सूल की तरह निगला जा सकता है और इसे सामान्य तापमान पर भी रखा जा सकता है, जिससे यह ग्रामीण इलाकों के लिए भी उपयुक्त बनती है.
64 मरीजों पर हुआ सफल परीक्षण
केन्या में इस दवा का परीक्षण 64 लोगों पर किया गया, जिन्हें सांप ने काटा था. इन सभी लोगों ने यूनिथिओल का सेवन किया और सभी पूरी तरह ठीक हो गए. न तो उनके शरीर में जहर फैला और न ही किसी अन्य जटिलता की सूचना मिली. यह दवा हल्के से लेकर गंभीर जहर वाले सांपों के काटने के बाद भी कारगर साबित हुई है और इसके इस्तेमाल के लिए किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं होती. यह खोज भारत जैसे देशों में हजारों जिंदगियों को बचाने की दिशा में एक बड़ी उम्मीद बन सकती है.