हमले के बाद चीन ने झाड़ा पल्ला, पाकिस्तान से बोला- संयम बरतो
भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन ने पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी है. पहले समर्थन देने वाला चीन अब युद्ध की आशंका से चिंतित दिख रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से शांतिपूर्ण समाधान की अपील करते हुए कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं है.

भारत द्वारा हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है. इस कड़ी में सबसे चौंकाने वाला रुख चीन ने अपनाया है. पाकिस्तान का हमेशा साथ देने वाला चीन अब पीछे हटता नजर आ रहा है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी देश हैं और आगे भी रहेंगे. ऐसे में दोनों पक्षों को शांति बनाए रखनी चाहिए और किसी भी ऐसे कदम से बचना चाहिए जिससे युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो. चीन ने दोनों देशों से अपील की है कि वे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हित में काम करें और तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कृत्य से बचें.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन ने छोड़ा पाकिस्तान का साथ
यह बयान ऐसे समय में आया है जब महज तीन दिन पहले ही चीन के राजदूत ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर चीन के “बिना शर्त समर्थन” का भरोसा दिलाया था. उस मुलाकात में चीन ने पाकिस्तान के रुख को सही ठहराया था और कहा था कि चीन उसके साथ पूरी मजबूती से खड़ा है. लेकिन भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन के सुर बदल गए हैं.
पाकिस्तान को दी शांति की सलाह
चीनी विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है और उसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान से तनाव कम करने और कूटनीतिक तरीके से विवाद सुलझाने की अपील की. भारत ने यह सर्जिकल स्ट्राइक 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. जवाबी कार्रवाई में भारतीय सशस्त्र बलों ने जैश के 4, लश्कर के 3 और हिजबुल के 2 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया.
पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका
चीन का यह बदला हुआ रुख पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उसे उम्मीद थी कि बीजिंग संकट की घड़ी में उसके साथ मजबूती से खड़ा रहेगा. अब चीन की यह “संयम” की सलाह पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति को और कमजोर कर सकती है.


