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एयरबस, रोल्स रॉयस भारतीय एयरलाइंस को करेंगी इंजन आपूर्ति, 5 अरब पाउंड के सौदे पर हुए हस्ताक्षर

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते से एयरबस, रोल्स रॉयस समेत 26 ब्रिटिश कंपनियों ने बड़े निवेश और सौदे किए. भारतीय और ब्रिटिश कंपनियों ने अरबों पाउंड का व्यापार व निवेश बढ़ाया. किसानों, मत्स्य पालन क्षेत्र और उद्योगों को लाभ मिलेगा. व्यापार लागत घटेगी, रोजगार बढ़ेंगे, और भारतीय उत्पादों की ब्रिटेन में कीमतें कम होंगी.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

यूरोप के विमानन क्षेत्र के दिग्गज एयरबस और ब्रिटिश लक्ज़री कार निर्माता रोल्स रॉयस सहित कुल 26 ब्रिटिश कंपनियों ने भारत के साथ हुए व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के बाद बड़े-बड़े सौदे और निवेश की घोषणा की है. इस समझौते पर गुरुवार दोपहर हस्ताक्षर किए गए, जो दोनों देशों के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

एयरबस और रोल्स रॉयस के बड़े सौदे

फ्रांस की एयरबस कंपनी और ब्रिटेन की रोल्स रॉयस कंपनी ने लगभग 5 अरब पाउंड के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत वे भारतीय एयरलाइनों को विमान और विमान इंजन प्रदान करेंगे. इस समझौते से भारत के विमानन क्षेत्र को नवीनतम तकनीक मिलेगी और ब्रिटेन में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

ब्रिटिश कंपनियों का भारत में निवेश

ब्रिटेन की कार्बन क्लीन कंपनी, जो कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने वाली सेवा प्रदान करती है, ने मुंबई में 7.6 मिलियन पाउंड का निवेश करने की योजना बनाई है. इसके अलावा, चिकित्सा उपकरण बनाने वाली ऑक्युइटी ने भारत की कंपनी रेमिडियो इनोवेटिव सॉल्यूशंस के साथ 74.3 मिलियन पाउंड के निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. विशेष रसायन निर्माता जॉनसन मैथी ने 20 मिलियन पाउंड से अधिक के अनुबंध हासिल किए हैं और भारत में 4 मिलियन पाउंड का निवेश करेंगे, जिससे लगभग 20,000 नई नौकरियां उत्पन्न होंगी.

भारत की कंपनियों का ब्रिटेन में विस्तार

ब्रिटेन में भी भारतीय कंपनियों का निवेश बढ़ रहा है. केरल की कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी डीक्यूब एआई ने मैनचेस्टर और लंदन में 5 मिलियन पाउंड का निवेश किया है. आईटी सेवा फर्म एलटीआईमाइंडट्री ने लंदन में 1 मिलियन पाउंड का निवेश करते हुए 300 से अधिक नौकरियों का सृजन किया है. वहीं, बैंकिंग और साइबर सुरक्षा क्षेत्र की कंपनी ऑरियनप्रो ने ब्रिटेन में 20 मिलियन पाउंड निवेश की योजना बनाई है, जिससे 150 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी.

समझौते के लाभ और द्विपक्षीय सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर ने इस समझौते को "ऐतिहासिक" बताया है. यह समझौता न केवल विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देगा बल्कि भारतीय किसानों और निर्यातकों के लिए भी नई संभावनाएं खोलेगा.

ब्रिटिश टैरिफ से 95 प्रतिशत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद मुक्त होंगे, जिससे हल्दी, काली मिर्च, इलायची, आम का गूदा, अचार और दालों जैसे भारतीय उत्पादों को ब्रिटिश बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी. यह किसानों के लिए आय बढ़ाने का अवसर होगा.

मत्स्य पालन और अन्य क्षेत्र भी लाभान्वित

मत्स्य पालन क्षेत्र, खासकर आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल और तमिलनाडु के तटीय राज्यों को भी इस समझौते से लाभ होगा. झींगा और टूना जैसे मछली उत्पादों पर अब ब्रिटेन में कोई शुल्क नहीं लगेगा.

सीमित रियायतें और संरक्षण

हालांकि, डेयरी उत्पादों, सेब, जई और खाद्य तेलों पर कोई छूट नहीं दी गई है ताकि भारत के घरेलू किसानों की सुरक्षा बनी रहे.

ब्रिटिश में भारतीय उत्पादों की कीमतें कम होंगी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समझौता "व्यापार करने की लागत" कम करेगा और दोनों देशों के बीच "व्यापार का विश्वास" बढ़ाएगा, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टारमर ने कहा कि इससे दोनों देशों के लोगों का जीवन स्तर बढ़ेगा और ब्रिटिश बाजार में भारतीय उत्पादों की कीमतें कम होंगी.

 

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24 July 2025, 10:20 PM IST

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